अयोध्या में शिवसेना और विश्व हिन्दू परिषद ने गरमाया माहौल, पूरी दुनिया की ठहरी अयोध्या पर नज़र
लखनऊ (सवांददाता) अयोध्या में राममंदिर निर्माण को मुद्दा बनाकर प्रदेशों में ही नहीं बल्कि केंद्र में प्रचंड बहुमत से आने वाली भाजपा सरकार अब खुद ही राममंदिर निर्माण मामले पर घिरती हुई नज़र आ रही है | साढ़े चार वर्ष के बाद भी मोदी सरकार ने मंदिर निर्माण के प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई| हालाँकि भाजपा ने एससी-एसटी एक्ट संशोधन बिल को पास कराया जबकि इस एक्ट पर सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला पहले ही दे चुका था | इस बिल को पास कराने के बाद भाजपा के विरुद्ध कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था , यही नहीं इस बिल के पास होने के बाद ये बात भी तय हो गई थी कि भाजपा अब राममंदिर निर्माण भी बिल ला सकती है | लेकिन ऐसा न होने से नाराज़ विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना सहित कई हिन्दू संगठन मंदिर निर्माण के मामले में संजीदा हो गए, ज़ाहिर है कि लोकसभा 2019 चुनाव नज़दीक है और क्या पता 2019 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा फिर से भगवान रामचंद्र जी से किये गए अपने वादे “राम लला हम आएंगे मंदिर वही बनाएंगे” से मुकर जाये | शायद इसीलिए साधु संत, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत चुनाव से पूर्व ही इस मुद्दे का निपटारा चाहते है और इसके लिए इस समय से बेहतर कोई समय नहीं होगा | शायद इसीलिए आज अयोध्या में उद्रव ठाकरे के आने के बाद उनके समर्थकों ने ‘हर हिंदू की यही पुकार पहले मंदिर फिर सरकार’ के नारे लगाए| सैकड़ों की संख्या में अयोध्या पहुंचे शिव सैनिक। 25 नवंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्म सभा में भी हिस्सा लेंगे ।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज एक प्राइवेट प्लेन से अपने परिवार के साथ रामनगरी अयोध्या पहुंचे हैं। वो अयोध्या में दो दिन रुकेंगे। आज उनका लक्ष्मण किला में आशीर्वाद समारोह भी सम्पन हुआ । इस अवसर पर ठाकरे ने कहा कि केंद्र की मजबूत सरकार मंदिर पर कानून लाए, मंदिर बनने पर रामभक्त की तरह दर्शन के लिए आउंगा, यही नहीं उन्होंने भाजपा से ये भी पूछा है कि मुझे मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए, राम मंदिर पर अब हिन्दू चुप नहीं बैठेगा| उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से पूर्व ही सरकार क़ानून लाये, जिससे की राममंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सके | उन्होंने ये भी कहा कि राम मंदिर मामले पर अयोध्या में शिवसेना श्रेय नहीं लेना चाहती है | हालाँकि उनका ये कहना कि हम मिलकर राम मंदिर बनाएंगे से पता चलता है कि वो अभी भाजपा के विरुद्ध नहीं है | वो आशीर्वाद समारोह में जब बोल रहे थे तब भक्तों का जोश देखने योग्य था | गगन भेदी जय श्री राम के नारे लग रहे थे |
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद हैं। रामजन्मभूमि की ओर जाने वाला मार्ग हनुमानगढ़ी की ओर जाने वाला मार्ग तथा प्रमुख मठ मंदिरों की ओर जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा के कड़े पहरे लगाए गए हैं। अयोध्या में चारपहिया व दोपहिया वाहनों को सघन जांच के बाद ही जाने दिया जा रहा है।
विनय कटियार ने शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत पर किया ज़बानी प्रहार
ये बात अलग है कि शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने मंदिर निर्माण के मामले पर भाजपा को अलग नहीं किया है लेकिन भाजपा नेता विनय कटियार ने शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि संजय रावत उस समय कहां थे, जब ढांचा गिर रहा था। बाल ठाकरे कभी अयोध्या नहीं आए, अब उद्धव ठाकरे यहां आ रहे हैं तो आएं और रामलला के दर्शन करें।
अयोध्या में धारा 144 का उलंघन, प्रशासन की विफलता का सबूत: भाजपा मंत्री ओपी राजभर
इधर कई महीनों से भाजपा के विरुद्ध ज़हरीले बयान देने वाले यूपी के कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री तो चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जबकि यहां फैजाबाद में धारा 144 लगी है। जिस तरह से यहां भीड़ इकट्ठा हो रही है ऐसे में अगर कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होगी। इनसे पहले कल ही इसी तरह का बयान सपा के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिया था और राजभर ने अखिलेश के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि चूंकि अयोध्या में धारा-144 लगी है लेकिन फिर लोग वहां इकट्ठा हो रहे हैं तो साफ है कि प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। इसीलिए सेना को ही बुलाया जाना चाहिए।
शिवसेना और विश्व हिन्दू परिषद, भाजपा के षड़यंत्र का हिस्सा : मायावती
इस मुद्दे पर आज बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिए अपने बयान में कहा कि भाजपा अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए राम मंदिर का मुद्दा उठा रही है। अगर भाजपा की मंशा सही होती तो 5 साल तक यूं इंतजार न करना पड़ता। अब यह उनके राजनीतिक दांवपेंच के अलावा कुछ नहीं है। शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद जो कर रहे हैं वह भाजपा के इसी षड़यंत्र का हिस्सा हैं।
मंदिर निर्माण के लिए प्रतीक्षा बर्दाश्त के बाहर : श्रीमहंत धर्मदास
श्रीमहंत धर्मदास ने मंदिर मुद्दे पर कहा कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए जोर-जबर्दस्ती एवं अराजकता से बचना होगा। उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है पर इसके लिए पक्षकारों को विधिक लड़ाई व रामभक्तों को अनुष्ठान का आश्रय लेना होगा और यही मार्ग है, जिसे अपनाकर मंदिर निर्माण को संभव किया जा सकता है।’
धारा-144 के प्रति अयोध्या में पुलिस पूर्ण रूप से नाकाम
अयोध्या में कल के प्रकरण पर कमिश्नर मनोज मिश्र का कहना है कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि रामलला के दर्शन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। सुप्रीमकोर्ट के यथास्थिति के आदेश का अनुपालन कड़ाई से होगा। उन्होंने कहा कि रामलला के दर्शन के लिए मोबाइल, बेल्ट, पर्स, पेन, घड़ी समेत प्रतिबंधित सामान ले जाने की इजाजत नहीं होगी। वैसे तो कमिश्नर मनोज मिश्रा ने बेहद आसानी से ये बाते मीडिया से कही है लेकिन कल होने वाली धर्मसभा को लेकर प्रशासन के इंतेज़ाम के माथे पर पसीना आ गया है |क्योकि मनोज मिश्रा द्धारा किये गए दावे इसलिए गलत नज़र आ रहे है क्योकि धारा-144 लगाए जाने के बावजूद अयोध्या में हज़ारों का जनसैलाब एक साथ नज़र आ रहा है | हालाँकि उनका ये भी कहना है कि दर्शन से इतर मंशा वालों को नहीं जाने दिया जाएगा। हालाँकि जानकारी के अनुसार डीजीपी मुख्यालय से अयोध्या में कानून-व्यवस्था की कमान संभालने के लिए एडीजी तकनीकी सेवायें आशुतोष पांडेय व डीआइजी रेंज झांसी सुभाष सिंह बघेल के अलावा तीन एसपी, 10 एएसपी, 21 डिप्टी एसपी, 160 निरीक्षक, 700 सिपाही, 42 कंपनी पीएसी व पांच कंपनी आरएएफ के अलावा एटीएस कमांडो का दस्ता भी मुस्तैद किया गया है।
अयोध्या में मंदिर निर्माण मामले में मुस्लिम पक्षकार इक़बाल अंसारी को मिली कड़ी सुरक्षा
मंदिर निर्माण मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी के आवास की सुरक्षा आज और बढ़ा दी गई है। मुख्य मार्ग से आवास की तरफ जाने वाली सड़क को सील कर दिया गया है। दोनों तरफ आरएफ की कंपनी लगाई गई हैं इसके अलावा सिविल पुलिस भी तैनात है। अयोध्या में शिव सैनिकों की मौजूदगी को देखते प्रशासन ने ये फैसला लिया है। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण मामले को लेकर उपजे माहौल से इकबाल अंसारी अपने को बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे थे। इसी कारण वह लगातार सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे थे । उनकी इस मांग को देखते हुए उनको प्रशासन ने पूरी सुरक्षा प्रदान कर दी है |
बाबा रामदेव ने दिया उकसाऊ बयान, सुप्रीम कोर्ट ले सकती है इस बयान का संज्ञान
बाबा राम देव ने आज जो बयान दिया है वो एक तरफ तो भाजपा विरोधी है तो दूसरी तरफ सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवहेलना भी है | उन्होंने आज अपने बयान में कहा कि राम मंदिर निर्माण मामले में लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है, सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाना चाहिए नहीं तो लोग खुद ही राम मंदिर का निर्माण शुरू कर देंगे। अगर लोग ऐसा करते हैं तो सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। मेरा मानना है कि इस देश में राम का कोई विरोध नहीं है, सभी लोग हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई उसी के वंशज हैं।