लखनऊ (सवांददाता) राज्सभा चुनाव के अपने दिए हलफनामे में देनदारी छिपाने के मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है| कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आज इस बावत चुनाव आयोग से संपर्क कर कार्रवाई की मांग की है । पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले से चुनाव आयोग को अवगत कराया है और कहा है कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है। इस प्रतिनिधिमंडल में कपिल सिब्बल, जयराम रमेश, अभिषेक मनुसिंघवी और विवेक तन्खा शामिल थे।
चुनाव आयोग के शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि, ‘‘जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत जो भी चुनाव लड़ता है उसे अपनी संपत्ति और देनदारी घोषित करनी पड़ती है। अमित शाह जी ने अपनी दो संपत्ति गिरवी रखी जिसके आधार पर उनके पुत्र को 25 करोड़ रुपये का कर्ज मिला। इसका उल्लेख शाह ने अपने चुनावी हलफनामे में नहीं दिया।’’
सिब्बल ने कहा कि ‘‘ हमने चुनाव आयोग से कहा है कि यह नियम का उल्लंघन है और इसपर कार्रवाई शुरू होनी चाहिए। हमने यह भी कहा कि चुनाव आयोग 125ए के तहत भी आपराधिक कार्रवाई शुरू करे।’’
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस मामले में अदालत का रुख क्यों नहीं किया तो सिब्बल ने कहा, ‘‘हम इसे राजनीतिक विवाद का विषय नहीं बनाना चाहते। चुनाव आयोग इस पर कदम उठाए।’’
इस आरोप की शुरुआत कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीते शनिवार को की थी, उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा चुनाव के अपने हलफनामे में ‘अपनी देनदारी’ की बात छिपाई जब्कि उनके पुत्र जय शाह ने अपने पिता के स्वामित्व वाले दो भूखंडों के नाम पर बैंकों से ऋण सुविधा ली हुई है।
बताते चले कि भाजपा ने इस आरोप को ‘बकवास और फर्जी’ करार दिया। सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अमित शाह अपने पुत्र से जुड़ी स्वतंत्र इकाई की देनदारी को अपनी देनदारी के तौर पर नहीं दिखा सकते।
शाह के खिलाफ आरोप लगाते हुए रमेश ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग से संपर्क कर यह सूचित करेगी कि भाजपा अध्यक्ष का चुनावी हलफनामा ‘गलत’ है। भाजपा अध्यक्ष अगस्त, 2017 में गुजरात से राज्यसभा के लिये निर्वाचित हुए थे।