लखनऊ (सवांददाता) आज जहां मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच ओबीसी कमीशन बिल आखिरकार पास हो गया। वहीं लोकसभा में केन्द्रीय यासामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल 2018 पेश किया, जिसपर चर्चा हुई। राज्यसभा में ओबीसी कमीशन बिल पास होने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा,मैं बीजेपी कार्यकर्ताओं और पिछड़े वर्ग की ओर से इस बिल के पास होने पर पीएम मोदी को बधाई देता हूं। राज्यसभा में ओबीसी बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ओबीसी का आरक्षण छीनकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीज को अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया। यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासन में इस समाज को आगे बढ़ने से रोका है। भाजपा ने इस बिल को लागू करने के लिए आयोग बनाने का फैसला किया है जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। वहीं सपा के राज्यसभा सांसद राम गोपाल वर्मा ने भी चर्चा के दौरान राज्यसभा में ओबीसी बिल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पिछ़ड़ों के साथ जो ज्यादती होती आ रही हैं वह नहीं रुक पाएंगी। उन्होंने कहा अगर तमाम जातियों की गिनती कराकर उनके हिसाब से उन्हें आरक्षण मिल जाए तो ये सारा खेल ही निपट जाए।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश का संविधान लोगों के दिखाने के लिए है लेकिन आप सब के दिलों में मनु है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ज्योतिबा फुले, भीम राव अंबेडकर और बसवेश्वर सभी का नाम लेते हैं। खड़गे ने गडकरी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि विभिन्न संस्थाओं में लाखों पद खाली होने के बाद भी वो कहते हैं कि नौकरियां हैं ही नहीं। खड़गे ने कहा कहा कि भाजपा सरकार तो आरक्षण भी खत्म करना चाहती है। इस सरकार में लिंचिंग और धर्म के नाम पर लोगों की हत्या भी की जा रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बिल को 9वीं अनुसूची में रखा जाए ताकि यह सुप्रीम कोर्ट के दायरे से बाहर रहे। उन्होंने आगे कहा कि 2-3 अप्रैल के बीच जेल में बंद हुए लोगों से केस हटाए जाएं और उन्हें बरी किया जाए। हमने काम किया है लेकिन सरकार सिर्फ उन कामों का श्रेय लेती आई है।
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दलितों के साथ हर रोज अत्याचार हो रहा है। हम कहते हैं कि सारे हिन्दू भाई-भाई हैं लेकिन फिर उन्हीं भाईयों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। जब बीजेपी सांसद ने उन्हें बीच में टोका तो उन्होंने कहा कि अगर तुम हमारे समुदाय में पैदा हुए होते तो इस बात का दर्द तुम्हें पता होता। खड़गे ने आगे कहा कि हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है, क्यों दलितों को अपना नहीं माना जाता है।
टीएमसी के रॉय ने लोकसभा में ईवीएम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसमें आ रही गड़बड़ियों को देखते हुए ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर फिर से पुनः चुनाव कराया जाये।
लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मुजफ्फरपुर दुष्कर्म मामले पर कहा कि कई बार यह मुद्दा संसद में उठा और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इस पर जवाब दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआइ जांच निष्पक्ष होगी और जो सांसदों के मुद्दे हैं उन्हें भी गृह मंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।
मुजफ्फरपुर रेप कांड पर लोकसभा में हुआ जमकर हंगामा, सदन की कार्यवाही 12.30 तक रही स्थगित
मुज़फरपुर रेप कांड को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ और आरजेडी सांसद जयप्रकाश यादव ने भी मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मुद्दे को सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि शेल्टर होम में बच्चियों के साथ खिलौनों की तरह खेला गया। सबूतों को मिटाया गया, इससे राज्य सरकार का सीधा संबंध है। इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि मामले की जांच सीबीआइ कर रही है।
राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस सत्र में 24 बिल लंबित हैं, ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो सदन की कार्यवाही शाम 6 बजे के बाद या रात 8 बजे तक चलाई जा सकती है। कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने लोकसभा में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में दुष्कर्म का मुद्दा उठाया, लेकिन स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें प्रश्न काल के बाद इस पर चर्चा करने के लिए कहा। कांग्रेस के सांसद प्रश्न काल के बीच इस मुद्दे पर सदन में हंगामा करने लगे। जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पुनः शुरू हो सकी।
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर टीडीपी सांसदों ने आज भी संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान टीडीपी सांसद नारामाल्ली शिवप्रसाद भगवान राम की वेशभूषा में पहुंचे और संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया|
एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल को लेकर भाजपा ने जारी किया व्हिप,आखरी कार्यवाही में पास हुआ एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल
भारतीय जनता पार्टी ने एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल को लेकर अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है। अधिकतर विपक्षी दल और कांग्रेस इस बिल के समर्थन में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 1989 के एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के बाद विपक्षी दलों के अलावा दलित संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। एनडीए का हिस्सा लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर सरकार पर दबाव बनाया था। इसके बाद सरकार बिल में संशोधन लेकर आई, जिसपर पासवान ने खुशी जाहिर की थी। भाजपा के जारी व्हिप के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा था कि भाजपा एससी/एसटी (अत्याचार रोधी) संशोधन बिल 2018 आज को लोकसभा में पास कर देगी, और आखिर में बिल पास कर दिया गया। यह बिल राज्यसभा में पहले ही पास हो चुका है।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 20 मार्च के अपने फैसले में इस कानून के प्रावधानों में कई बदलाव करते हुए ऐसे मामले में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस मुद्दे पर जहां कई दलित संगठनों ने 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया था, वहीं कई सहयोगी दलों के साथ-साथ भाजपा के भी एससी-एसटी सांसद सरकार से नाराज थे।
सदन में चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के भानू प्रताप सिंह ने कहा कि यह विधेयक आज के समय की जरूरत थी और इस मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को सभी लोगों को समझना चाहिए। उन्होंने एसी-एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि न्यायपालिका को विधायिका के काम में दखल नहीं देना चाहिए।
आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि कानून के साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दलित और अल्पसंख्यक हिंसा एवं उत्पीड़न का सामना नहीं करें। भाजपा के रतन कटारिया ने कहा कि कांग्रेस के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि यह विधेयक दबाव में लाया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि मोदी सरकार दलित समाज की सच्ची हितैषी है। जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक से फिर साबित हुआ है कि विपक्ष के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि मोदी सरकार दलित विरोधी है । यह सरकार दलित हितैषी है।
इनेलोद के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस विधेयक का वो हश्र नहीं हो जो राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक का हुआ था जिसे शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि शाह बानो के मामले में जो कांग्रेस ने किया था, वही आज भाजपा सरकार दलितों के मामले में कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी वोट की खातिर तुष्टीकरण किया था और भाजपा ने भी वही किया है।