लखनऊ (सवांददाता) चेयरमैन शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड वसीम रिज़वी द्वारा अभी हाल ही में दिए बयान जिसमे उन्होंने 15 अगस्त के अवसर पर अपने वक़्फ़ के मुत्तावलियों को निर्देशित किया था, कि वो लोग अपने-अपने वक़्फ़ों में राष्ट्रगान अवश्य गायें| हालाँकि उनके इस बयान के बाद बहुत से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उन पर टिप्पणियां की थीं| हालाँकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा है कि देश के मुस्लिमों को राष्ट्रगान गाने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन राष्ट्रगीत गाने को लेकर मुस्लिम समुदाय को आपत्ति है। उन्होंने कहा कि संविधान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो मुस्लिमों को इसके लिए बाध्य करता हो। सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है, कि राष्ट्रगीत गाएं। हम राष्ट्रगान गाते हैं और गाएंगे लेकिन राष्ट्रगीत नहीं गाएंगे।
जफरयाब जिलानी ने कहा, शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को ऐसा कोई भी ऑर्डर जारी करने का अधिकार नहीं है। जिसमें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाने के बारे में कहा जा सके। उन्होंने कहा, राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान अलग-अलग हैं। उन्होंने वसीम रिज़वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग सरकार से सहायता प्राप्त कर रहे हैं उन्हें मजबूती से इसका पालन करना चाहिए।
बताते चले कि अभी गत दिनों उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने स्वतंत्रता दिवस के आयोजन पर ‘भारत माता की जय’ बोलना अनिवार्य कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में ‘शिया वक्फ बोर्ड ने एक आदेश भी जारी कर दिया है। इसके तहत 15 अगस्त को वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर किए गए किसी भी कार्यक्रम में राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय बोलना ज़रूरी होगा। अगर कोई इस आदेश का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’