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बीफ खाने वालों सावधान ,मृत गाय के बच्चों को किया जा रहा है क़साइयों के हवाले
ऐसी क्रूर मानसिकता वाले लोग रूपए कमाने के लिए जा सकते हैं किसी भी हद तक
(ज़की भारतीय)
लखनऊ , गाय के दो मासूम बच्चों को उनकी मौत के बाद उन्हें दफ़्न करने या नगर निगम द्धारा सूचित कर उन्हें उठवाने के बजाए उन्हें कसाइयों के हवाले करना और उनकी लाशों का सौदा करना कितना घ्रणित और अमानवीय कार्य है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है| लेकिन ये अमानवीय कार्य किसी और शहर का नहीं बल्कि इसी शहर लखनऊ के एक पत्थर दिल इंसान द्धारा किया गया है | पुराने लखनऊ के बाजार खाला थाना क्षेत्र में स्थित गिरधार सिंह इन्दर कुंवर इंटर कालेज के पीछे नौबस्ता के निकट नाले के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने घर से दो गाय के मासूम बच्चों की लाशों को निकाला और बाहर साईकिल लिए खड़े एक कसाई से बोली तय करने लगा| जिस समय ये घटना हो रही थी उस समय मैं खुद उसी राह से गुज़र रहा था ,ये बातें सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गऐ और अचानक मेरी बाइक के ब्रेक लग गए | मैं इन लोगों की बाते सुनने लगा और आखिर में इन मरे गाय के बच्चों की क़ीमत भी तय हो गई | मेरे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने दूर हटकर अपना मोबाईल निकाला और इस मंज़र को अपने मोबाईल में क़ैद कर लिया |
मैंने घटना स्थल से थोड़ी दूरी से ये देखना चाहा की इन मासूम गाय के बच्चों को कसाई कहाँ ले जाता है | कसाई नोबस्ते के मुख्य मार्ग पर आया और उस सड़क पर जाने लगा जहा सड़क का मरम्मत का कार्य चल रहा था ,इसी सड़क पर चार मीनारा मस्जिद भी पड़ती है | इस सड़क पर आवागमन नहीं हो रहा था | यही सीधा रास्ता बिल्लोचपुरा की ओर भी निकलता है ,जहाँ कामेला होता है | जितनी देर में मैं उसका पीछा करता ओर उसको रंगे हाथ पकड़ता उतनी देर में मेरी बाइक सड़क बनने के कारण हुई बैरिकेटिंग की नज़्र हो गई ओर वो कसाई आखों से ओझल हो गया | हालाँकि अगर पुलिस तफ्तीश पर आमादा हो गई तो कोई बड़ी बात नहीं के इस अमानवीय कृत्य करने वाले व्यक्ति या कसाई को गिरफ्तार न किया जा सके | ऐसे लोगों की गिरफ्तारी इसलिए भी ज़रूरी है ,कयोंकि ये मरे हुए जानवर को बेचकर बीफ खाने वालों लोगों को बीमार भी करते है | ऐसी क्रूर मानसिकता के लोग पैसों के लिए जब मासूम गाय के बच्चों की लाशों का सौदा कर सकते हैं तो वो कुछ भी कर सकते हैं|
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