लखनऊ (सवांददाता) जम्मू- कश्मीर की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने शनिवार को मॉब लीचिंग (भीड़ हिंसा) को लेकर एक विवादित बयान दिया है। सूत्रों के मुताबित उन्होंने गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं के संबंध में कहा, ‘गाय और भैंस के नाम पर मुसलमानों का कत्ल बंद करें वर्ना नतीजें अच्छे नहीं होंगे। 1947 में एक बंटवारा हो चुका है।’ बताते चले कि उन्होंने यह बयान पीडीपी रैली के दौरान गौरक्षा के नाम पर हो रहे हमलों का जिक्र करते हुए दिया है।गौरतलब है कि इन दिनों देश में भीड़ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं और हाल ही में राजस्थान के अलवर में कथित गोरक्षकों ने रकबर खान नाम के शख्स की गो-तस्कर के शक में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, जिसकी चारों तरफ घोर निंदा हुई थी | बताते चले कि रकबर खान दूध, दही बेचकर अपने परिवार का जीवन यापन करता था | गाय खरीदकर अपने गांव लेकर जा रहे था। इस घटना के बाद से भाजपा निरंतर अपने मुख़ालिफ़ीन के निशाने पर रही। जम्मू कश्मीर में पीडीपी से भाजापा के समर्थन वापस लेने के बाद से लगातार धमकियों का सिलसिला जारी है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी भीड़ हिंसा के जरिए केंद्र सरकार पर ज़बानी हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की गई तो घाटी में सलाहुद्दीन जैसे कई लोग पैदा हो जाएंगे। याद रहे कि 17 जुलाई को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने कहा था कि ‘भीड़तंत्र के ऐसे भयानक कृत्य से कानून को कुचलने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’ साथ ही पीठ ने संसद को मॉब लिंचिंग और गौरक्षकों के नाम पर हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने को कहा था।