लखनऊ (सवांददाता)। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के लागू होने के बाद मुनाफाखोरी रोकने की गरज़ से बनाई गई एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने फ्लिपकार्ट, एमेजॉन और स्नैपडील जैसी दिग्गज कंपनियों की टैक्स ऑडिटिंग का आदेश दिया है। जिससे अब फ्लिपकार्ट, एमेजॉन समेत अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नैशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने यह जानने के लिए ऑडिटिंग का आदेश दिया है कि क्या इन कंपनियों ने उपभोक्ताओं से वसूले गए ज्यादा जीएसटी को दर में कटौती किए जाने के बाद उन्हें वापस लौटाया है अथवा नहीं। फ्लिपकार्ट मामले में दिए गए आदेश के मुताबिक ऑडिट ऑफ द सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स के डायरेक्टर जनरल सभी ई-कॉमर्स कंपनियों के खातों की ऑडिटिंग कर उसकी रिपोर्ट सौंपेंगे। कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ताओं के ज्यादा जीएसटी वसूले जाने का मामला सामने आने के बाद इस ऑडिटिंग का फैसला लिया गया हैं। बताते चले कि जब खरीदारों ने बुकिंग कराई थी तब जीएसटी की दर अधिक थी जब्कि उसकी डिलीवर पर जीएसटी की दर में कटौती हो चुकी थी। फ्लिपकार्ट मामले में अथॉरिटी ने कहा, ‘उसे इस बात की जानकारी है कि कई मामलों में ई-प्लेटफॉर्म्स ने खरीदारों से ज्यादा जीएसटी वसूला हैं| लेकिन 15 नवंबर 2017 को जीएसटी दरों में कटौती होने के बाद ज्यादा वसूले गए टैक्स को वापस नहीं लौटाया। इसके बाद सीबीआईसी के डायरेक्टर जनरल को सभी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की ऑडिटिंग कर उसकी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। हालांकि अथॉरिटी ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ ज्यादा टैक्स लेने के आरोप को लेकर दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया हैं। गौरतलब बात ये हैं कि फ्लिपकार्ट ने अथॉरिटी को यह बताया हैं कि उसने बुकिंग के दौरान ज्यादा वसूले गए टैक्स को वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।