लखनऊ( सवांददाता) 16 दिसम्बर 2017 की रात सवा नौ बजे पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के पुत्र वैभव तिवारी की गोली मारकर खुलेआम विक्रम सिंह ने हत्या कर दी थी| इस हत्या के मामले में गिरफ्तार विक्रम सिंह की ज़मानत अर्जी विशेष न्यायाधीश अयोध्या प्रकरण सुरेंद्र कुमार यादव ने ख़ारिज कर दी थी| बताते चले कि इस प्रकरण में आज कई समाचार पत्रों ने इस हत्या काण्ड में विक्रम सिंह की ज़मानत अर्जी ख़ारिज होने का उल्लेख किया है| हालाँकि इस ज़मानत अर्जी के ख़ारिज होने का श्रय जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार त्रिपाठी को जाता है| क्योकि उन्होंने इस हत्या के मामले में जुड़े उन साक्ष्यों पर तर्क वितर्क किया जिसके एक भी बिंदु के कमजोर होने पर हत्यारे विक्रम सिंह की जमानत हो सकती थी| गौरतलब है कि जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार त्रिपाठी द्वारा कोई भी अभियुक्त उनके तर्क-वितर्क की पैनी नज़र से आज तक नहीं बच सका| कल बहस के दौरान कहा गया कि विक्रम सिंह एवं सूरज शुक्ला घटना के दिन काफी उत्तेजना से बात कर रहे थे और दोनों अभियुक्तों ने गाली देकर फयर कर दिया था, घायल वैभव को लोहिया अस्पताल ले जाया गया था जहॉ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था| इस हत्या काण्ड में हजरतगंज थाने में मु.अ.स.- 1030/2017 धारा 302, 307, 504,467,468,471 के तहत मुक़दमा पंजीकृत हुआ था आज इस मामले पर जब हमारे सवांददाता सुरेश मिश्रा ने जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार त्रिपाठी से इस केस के मामले में बात की तो उनका कहना था की हमारा काम आप पत्रकारों की तरहा ही लोगों को न्याय दिलाने का है, अपराधी चाहे जितना ही कद्दावर क्यों न हो, उसे सत्य के आगे हारना ही होता हैं|