हरओम वर्मा
लखनऊ, 27 अक्टूबर| लखनऊ में यातायात की ख़राब व्यवस्था के सिलसिले में वैसे तो एसएसपी कलानिधि नैथानी ने अधिकारीयों की क्लास लगाई है ,लेकिन इसके अलावा भी बहुत से मामले ऐसे हैं जिनके लिए पुलिस के साथ -साथ हम भी ज़िम्मेदार हैं |
चाहे वो प्रदुषण हो,चाहे जाम की समस्या हो या फिर हम ऐसी जगह दुकाने सजाए बैठे हों जहाँ आग लग जाए तो उसपर काबू किये जाने के लिए अग्निशमन की सहायता मिलना भी न मुमकिन हो |जहाँ मन करे वहां अपने वाहनों को खड़ा कर देना ,जहाँ मन करे वहां अपने घरों का कूड़ा फेक देना जैसी बातें हमारी आदत में शुमार हो गयी है |
नक्खास से अमीनाबाद जाना भी मुहाल हो चुका है ,क्योंकि अब सड़क के मध्य डिवाइडर बन चुका है और दोनों ओर दुकाने सजी हुई हैं ,सिर्फ दुकानों का होना किसी भी हाल में ग़लत नहीं है लेकिन ग़लत ये है उन दुकानों के बाहर उपभोक्ताओं और खुद दुकान स्वामियों के वाहनों का जमावड़ा |इसकी वजह से रोज़ इतना भयंकर जाम लगता है कि बयान किया जाना मुश्किल है |
याहियागंज की संकरी गलियों में जो दुकानें स्थित हैं,वहां यदि कोई दूकान आग की चपेट में आ जाती है तो उसको जबतक अग्निशमन बुझाने का प्रयास करेगा तबतक दुकान जलकर ख़ाक हो जाएगी | इसी तरह बर्तन बाजार ,कॉस्मेटिक बाजार सहित हज़ारों दुकानें ईश्वर के सहारे चल रही हैं |इन बाज़ारों में अग्नि सुरक्षा एक बड़ी चुनौती के रूप में देखी जा रही है |करोड़ों के व्यापार की इस मार्केट में आग से बचाओ के लिए कोई व्यवस्था नहीं है |
उधर कुछ ही दूरी पर एक बैटरी मंडी है ,जहाँ पुरानी बैटरी की खरीदारी की जाती है, इस बैटरी मंडी में जिन बैटरियों को तोडा जाता है उनका बहने वाला तेज़ाब काफी हानिकारक होता है, जिन्हें खुलेआम नालियों में बहाया जाता है और इसका विरोध करने के उपरान्त भी कोई सुनवाई नहीं होती |यही नहीं यहाँ चोरी की बैटरियां भी धड़ल्ले से खरीदी जाती हैं और यहियागंज चौकी को इन तमाम बातों की बखूबी जानकारी है ,लेकिन वहां के लोगों का आरोप है कि पुलिस इन दुकानदारों से इसके बदले मोटी रक़म लेकर इनका संरक्षण करती है |
टैम्पो-टैक्सी की वजह से गलियों तक में जाम लग जाता है और आमजनमानस इन सभी मामलों से खासा नाराज है | इन मामलों की तरफ भी नगर निगम ,अग्निशमन और पुलिस विभाग को कोई जल्द ही सार्थक क़दम उठाना होगा |