लखनऊ,संवाददाता । नागरिकता संशोधन एक्ट ,एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध वैसे तो सम्पूर्ण भारत में धरने प्रदर्शन जारी हैं लेकिन लखनऊ के घण्टाघर मैदान में जारी प्रदर्शन का आज चालिसवां भी हो गया लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं के हौसलों को कोई कमज़ोर नहीं कर सका । CAA के विरुद्ध महिलाओं ने इस प्रदर्शन को 17 जनवरी को शुरू किया था । सम्पूर्ण भारत मे जारी इस तरह के प्रदर्शनों में ऐसा प्रोटेस्ट का तरीका नहीं ईजाद हुआ ,जैसा कि आज घंटाघर में महिलाओं ने निकाला।
आज चालीसवें दिन महिलाओं ने डिटेंशन सेंटर के नमूने का निर्माण किया और उसकी सलाखो के पीछे जा कर CAA का नए तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ ने जमकर क़ानून वापिस लिए जाने के नारे लगाए। इस डिटेंशन सेंटर को बनाए जाने के बावत जब एक महिला से पूछा गया कि इसके बनाने का क्या संदेश है ? तो महिला ने कहा कि हमारा इसे बनाने का मुख्य कारण ये है कि हम लोग उन लोगों को संदेश देना चाह रहे हैं जो अभी तक हमारे शाने से शान मिलाने से कतरा रहे हैं वो देख लें ,अगर इस काले क़ानून के विरुद्ध वो हमारे साथ नहीं आए तो उनको एक दिन इसी तरह डिटेंशन सेन्टर में रहना होगा। ये लड़ाई सबकी है इसलिए इस काले क़ानून के विरुद्ध सब अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएं।
इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध कवि मुनव्वर राना की पुत्री समाज सेविका व वरिष्ठ पत्रकार सुमैय्या राना भी उपस्थित थीं। उन्होंने ने कहा कि मेरी नज़रों में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह, शहीद भगत सिंह रहते हैं ,हम लाठी डंडों गोली और बंदूक़ से डरने वाले नहीं।