HomeINDIAक्यों मोदी जी ,क्या अर्थव्यवस्था में आए ठहराव की वजह ये ?
क्यों मोदी जी ,क्या अर्थव्यवस्था में आए ठहराव की वजह ये ?
लखनऊ (संवाददाता) अभी तक राफेल मामले पर बोलने वाली कांग्रेस अब भाजपा के विरुद्ध नोटबंदी मामले पर आक्रामक नज़र आ रही है| | ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव का एलान किया जा चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की तलाश में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि सभी भाजपा विरोधी दल किसी मुद्दे की तलाश में थे और ऐसे मौके पर आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना आ गई | इस सूचना के जवाब से ये पता चला कि प्रधानमंत्री के दिए सभी तर्कों से रिजर्व बैंक का केंद्रीय निदेशक बोर्ड राज़ी नहीं था। इसके बावजूद पीएम ने दबाव डालकर रिजर्व बैंक को नोटबंदी के हिटलरी फैसले के लिए सहमत किया। अब कांग्रेस के मुताबिक कृषि व रोजगार में कमी से लेकर अर्थव्यवस्था में आए ठहराव की सबसे बड़ी वजह नोटबंदी है, जिसका भुगतान देश भुगत रहा है।
बताते चलें, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सूचना का अधिकार कानून के तहत बोर्ड की बैठक के हासिल ब्यौरे का हवाला देते हुए कहा अब आधिकारिक रुप से साबित हो गया है कि नोटबंदी ग़लत फैसला था। जिस रात पीएम मोदी ने नोट बंदी का ऐलान किया था उससे पहले ही इस मामले की जानकारी मिलने पर दिल्ली में 8 नंवबर को रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की शाम 5.30 बजे बैठक हुई थी जिसमे नोटबंदी के पक्ष में दिए गए तर्कों से असहमति जताई गई थी |
जयराम ने कहा कि आरबीआई बोर्ड की इस बैठक में पूर्व गर्वनर उर्जित पटेल और वर्तमान गर्वनर शक्तिकांत दास दोनों मौजूद थे। केंद्रीय निदेशक बोर्ड का कहना था कि भारत में अधिकांश कालाधन सोने व जमीन में है। ऐसे में नोटबंदी से कालेधन की चुनौती खत्म नहीं होगी। यह भी कहा गया कि नकली नोटों का चलन भारत की मुद्रा में केवल 400 करोड रुपये है। 15 लाख करोड रूपये की नगदी के चलन में यह राशि बहुत मामूली है और नोटबंदी से इसमें फर्क नहीं पड़ेगा। कैशलेस अर्थव्यवस्था के तर्क पर बोर्ड का कहना था कि ज्यादा नगदी का चलन अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक होने का आकलन सच नहीं है।
कांग्रेस नेता का कहना है कि पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करते समय नोटबंदी के पक्ष में कुछ दलील दी थीं। उन्होंने कहा था कि इससे कालाधन खत्म होगा, नकली नोट बंद होगा व आतंकवाद की कमर टूटेगी और अर्थव्यवस्था कैशलेस की ओर बढ़ेगी। मगर आरटीआई दस्तावेज से साफ है कि निदेशक बोर्ड ने पीएम के इन सारे तर्कों को 8 नवंबर की बैठक में अस्वीकार कर दिया था।
जयराम ने कहा कि मिनट्स से यह भी साफ़ हो गया कि बोर्ड ने अपनी राय देने के बाद, दबाव में नोटबंदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक गर्वनर तीन मौकों पर संसदीय समितियों के समक्ष पेश हुए मगर बोर्ड की राय को औपचारिक तौर पर साझा नहीं किया। आरटीआई से मिले बोर्ड के मिनट्स मीडिया को जारी करते हुए जयराम ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह चोरी किए गए दस्तावेज नहीं है बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता ने करीब 26 महीने की मशक्कत के बाद यह सूचना प्राप्त की है। मोदी सरकार के विदाई लाउंज में बैठे होने का दावा करते हुए जयराम ने कहा कि एनडीए के पांच साल के कई झूठे व खोखले दावों को कांग्रेस आने वाले दिनों में सबूतों सहित उजागर करेगी।
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