(ज़की भारतीय)
लखनऊ (सवांददाता) पाकिस्तान हो सीरिया हो या अन्य कट्टरपंथी देशों में आखिर आतंकवादियों के निशाने पर शिया संप्रदाय किसलिए निशाने पर रहता है| आज जो लोग आतंकवादियों को किसी धर्म का नाम देते है तो वो गलत है, क्योकि मुसलमानों को आतंकवादी कहने से शिया संप्रदाय की भावनाय आहत होती है| हालाँकि शिया संप्रदाय के अतिरिक्त उन मुसलमानों को भी आतंकवादी कह जाने पर तकलीफ होती है जो आतंकवादी नहीं है| ये बात आज शिया धर्मगुरु मीसम ज़ैदी ने अफगानिस्तान के काबुल में हुए आत्मघाती हमले में मारे गए शिया 48 छात्रों के सम्बन्ध में कही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की मस्जिदों में शिया नमाज़ियों पर बम विस्फोट हो रहे है, सीरिया में ज़ायरीनों पर हमले हो रहे हैं, और अब अफ़ग़ानिस्तान में भी शिया संप्रदाय के बेख़ता लोगो को मौत के घाट उतारा जा रहा हैं| उन्होंने कहा कि हम आज पूरी दुनिया में अगर सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं तो वो अपना देश भारत हैं| उन्होंने कहा कि शिया विरोधी इन आतंकवादियों का बस चले तो ये भारत में आकर हम शियों का कत्लेआम शुरू कर दें| उन्होंने कहा कि भारत के सैनिकों को हमारा सलाम जो आतंकवादियों से मोर्चा लेते-लेते अपनी जान को देश की सुरक्षा के लिए क़ुर्बान कर देते हैं| उन्होंने कहा कि जिस तरह रामचंद्र जी ने आतंकवादी राक्षसों का वध किया और जनता को भयमुक्त समाज दिया, ठीक इसी तरह इन जैसे आतंकवादियों का विश्व भर में वध कर करके संसार को भयमुक्त बनाने के लिए सम्पूर्ण विश्व को कोई न कोई सार्थक क़दम उठाना होगा| धर्मगुरु ज़ैदी ने कहा कि असल में आज से 1400 वर्ष पूर्व हज़रत इमाम हुसैन (अ.स) ने जिन कथित मुसलमानों के चेहरे से इस्लाम की नक़ाब उतारी थी उन्हीं के वंशज आज वही कर रहे हैं जो 1400 वर्ष पूर्व उनके वंशज करते आये हैं | उन्होंने कहा कि कर्बला में यज़ीद हज़रत इमाम हुसैन (अ.स) से बैत इसलिए मांग रहा था क्योंकि वो जनता था कि अगर उन्होने उससे बैत कर ली तो जिस तरह वो इस्लाम को चलाना चाहता हैं, आसानी से चला सकेगा| और इसी लिए हज़रत इमाम हुसैन (अ.स) ने यज़ीद से बैत न करते हुए उसके 9 लाख के लश्कर से सिर्फ अपने बहत्तर साथियों के साथ जंग की और शहीद होकर भी अपने मक़सद को हमेशा के लिए जीत लिया| आज दुनिया अगर चाहे तो कर्बला को पढ़कर ये समझ सकती हैं कि सही इस्लाम पर चलने वाला कौन सा मुस्लमान हैं और यज़ीद के पदचिन्हों पर चलने वाला कौन? बताते चले कि आज काबुल में आतंकवादियों द्वारा की गई कायराना कार्यवाही में कई लोग मारे गए और कई लोग गम्भीर रूप से घायल हुए हैं| अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आज एक आत्मघाती बम हमलावर ने एक शिया बहुल इलाके में विश्वविद्यालय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गयी और 67 लोग घायल हो गए। इस हमले के लिए इस्लामिक स्टेट समूह को जिम्मेदार बताया जा रहा है। अफगानिस्तान के शिया समुदाय पर हाल में किया गया यह सबसे बड़ा हमला है।