लखनऊ ,संवाददाता | कर्नाटक के गुलबर्गा में सीएए के विरोध में एक जनसभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक नेता ने विवादित बयान देते हुए देश की राजनीति में नई चर्चा को जन्म दे डाला | वारिस पठान ने कहा कि अगर आजादी दी नहीं जाती तो उसे छीनना पड़ती है । वारिस पठान ने यह बयान हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में दिया है । वारिस पठान की ज़बान यहीं पर नहीं रुकी बल्कि और आगे निकल गई |उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए कहा कि ‘100 करोड़ हिंदुओं पर 15 करोड़ मुसलमान भारी पड़ेंगे।
वारिस पठान ने कहा कि ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए हमें एक होकर चलना होगा।उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए ये भी कहा , हमने अभी तो औरतों को आगे रखा है, अभी तो सिर्फ शेरनियां के बाहर निकलने से तुम्हारे पसीने छूट गए। तुम समझ सकते हो कि अगर हम सब एक साथ आ गए तो क्या होगा। हालाँकि उनके इस विवादित बयान के बाद पुणे में एक शिकायत दर्ज करवाई गई है |
जनसभा को संबोधित करते हुए वारिस पठान ने भाजपा के एक नेता के बयान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जामिया और शाहीन बाग में जो पिस्तौल लेकर गए थे, किस की बात सुनकर गए थे और किस शाखा से आए थे ?
वारिस पठान ने अपने दिए विवादित बयान, जिसमे उन्होंने कहा कि “100 करोड़ पर 15 करोड़ भारी हैं” उसे वो गलत नहीं समझते है |उन्होंने कहा कि उन्होंने जो बयान दिया है वो संविधान के दायरे में रहकर दिया है |