लखनऊ, 3 जुलाई। लखनऊ की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक, हजरत कासिम की मेहंदी का जुलूस आज शाम 7:00 बजे हुसैनाबाद ट्रस्ट द्वारा निकाला जाएगा। यह जुलूस सातवीं मोहर्रम के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है और इसमें हजारों लोग शामिल होंगे। जुलूस की शुरुआत हुसैनाबाद में स्थित बड़े इमामबाड़े से होगी, जहां सबसे पहले कुरआन की तिलावत होगी। इसके बाद मौलाना हैदर द्वारा मजलिस पढ़ी जाएगी, जिसमें शिया समुदाय के लोग हजरत कासिम की शहादत को याद करेंगे। मजलिस के समापन के बाद जुलूस शुरू होगा, जो रात लगभग 12:00 बजे छोटे इमामबाड़े पर पहुंचकर समाप्त होगा। जुलूस बड़ा इमामबाड़ा से शुरू होकर रूमी गेट,नींबू पार्क, घंटाघर, सतखंडा और लाजपत नगर से होते हुए छोटे इमामबाड़े तक जाएगा। इस दौरान पारंपरिक शहनाई और ढोल-नगाड़ों की धुनें बजाई जाएंगी, जिसमें विशेष रूप से “रन में बेवा हसन ये पुकारी, मेरे कासिम की आती है मेहंदी” की तर्ज पर धुनें प्रमुख होंगी। जुलूस में हाथी, घोड़े, और अन्य पारंपरिक प्रदर्शन शामिल होंगे, जो इसे भव्य और भावनात्मक बनाते हैं। जुलूस में शिया समुदाय की महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में भाग लेंगे, और यह लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक होगा। सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी, और सीसीटीवी कैमरों की मदद से जुलूस की निगरानी की जाएगी। यातायात को सुचारू रखने के लिए शाम 7:00 बजे से देर रात तक रोड डायवर्जन लागू रहेगा। बड़े इमामबाड़ा से नींबू पार्क, घंटाघर, सतखंडा, रूमी गेट, और लाजपत नगर की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों की आवाजाही सीमित रहेगी। चौक से हुसैनाबाद जाने वाले वाहनों को नदवा रोड या मेडिकल क्रॉसिंग के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा, जबकि नक्खास से आने वाले वाहनों को कैसरबाग की ओर मोड़ा जाएगा। आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलेंस, शव वाहन, फायर सर्विस, और स्कूली वाहनों को डायवर्जन से छूट दी जाएगी। प्रशासन ने शहरवासियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और जुलूस के दौरान धैर्य बनाए रखने की अपील की है। हुसैनाबाद ट्रस्ट ने भी आयोजन को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती की है। यह जुलूस न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है।