HomePOLITICSसीएम योगी की समीक्षा बैठक: लखनऊ में प्रशासनिक सक्रियता

सीएम योगी की समीक्षा बैठक: लखनऊ में प्रशासनिक सक्रियता

लखनऊ,3 मई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह अपने सरकारी आवास पर कई महत्वपूर्ण समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की, जो सुबह 10:30 बजे से शुरू होकर दिन भर चलीं। इन बैठकों में विभिन्न विभागों की प्रगति, जनहित के मुद्दों और विकास योजनाओं पर चर्चा हुई।
सुबह 10:30 बजे शुरू हुई आवास विभाग की बैठक में सीएम योगी ने विकास प्राधिकरणों को लंबित भवन मानचित्र प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने सभी नगरों के लिए जीआईएस-आधारित मास्टर प्लान को मई 2025 के अंत तक अनुमोदित करने का लक्ष्य रखा। योगी ने लखनऊ में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की प्रगति पर भी जोर दिया, जिसे दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, यूपी स्टेट कैपिटल रीजन (यूपी-एससीआर) की डीपीआर प्रक्रिया में देरी पर नाराजगी जताते हुए समयबद्ध कार्यान्वयन के निर्देश दिए। यह कदम शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

राजस्व विभाग पर फोकस

आवास विभाग की बैठक के बाद, सुबह 11:00 बजे राजस्व विभाग की समीक्षा हुई। सीएम ने राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण और लैंड रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने अविवादित वरासत मामलों को 15 दिनों और कृषक दुर्घटना योजना के मामलों को 10 दिनों में निपटाने के निर्देश दिए। चकबंदी विवादों में तकनीकी और पारदर्शिता का सहारा लेने की सलाह दी गई। योगी ने राजस्व संग्रह में पारदर्शिता बढ़ाने और व्यापारियों के साथ संवाद बनाए रखने पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त, 3.5 लाख आपदा पीड़ितों को डीबीटी के माध्यम से सहायता प्रदान करने की प्रगति की समीक्षा की गई।

प्रशासनिक जवाबदेही और जनहित

इन बैठकों में सीएम योगी ने अधिकारियों को जनहित के मामलों को प्राथमिकता देने और तय समयसीमा में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। राजस्व परिषद पोर्टल को रीडिजाइन करने की योजना भी चर्चा में रही, ताकि जनता को सेवाएँ आसानी से मिल सकें। योगी ने एडिशनल कमिश्नरों से फील्ड की चुनौतियों पर चर्चा की और समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया।

प्रभाव और अपेक्षाएँ

इन बैठकों से लखनऊ और उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। दर्शकों और नागरिकों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है, क्योंकि ये कदम पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, कुछ लोग समयबद्ध निस्तारण के लक्ष्यों को चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं, लेकिन योगी की सख्ती से अधिकारियों में सक्रियता दिख रही है।निष्कर्ष
सीएम योगी की 3 मई 2025 की समीक्षा बैठकों ने लखनऊ को प्रशासनिक और विकास के क्षेत्र में और मजबूत करने का रास्ता साफ किया है। आवास और राजस्व विभागों के सुधारों से न केवल शहरी विकास को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी राहत पहुँचेगी। यह उत्तर प्रदेश सरकार की जनकेंद्रित नीतियों का एक और उदाहरण है।

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