लखनऊ, 29 जून । भारत में बुनियादी सुविधाओं, विशेष रूप से बिजली आपूर्ति, में सुधार की अभी भी बहुत जरूरत है। बारिश के मौसम में बिजली कटौती एक आम समस्या है, जो लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करती है। क्या इंजीनियर और तकनीशियन अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा रहे हैं? क्या बिजली विभाग की तैयारियाँ पर्याप्त हैं? लखनऊ में इस समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो शहरवासियों के लिए राहत की उम्मीद जगा रहा है।
लखनऊ में आज बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक आपात बैठक हुई। इसका उद्देश्य मानसून के दौरान बिजली आपूर्ति को निर्बाध रखने की रणनीति तैयार करना था। लखनऊ विद्युत आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक अशोक वर्मा ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया कि बारिश के कारण होने वाली बिजली कटौती को कम करने के लिए अतिरिक्त तकनीकी टीमें तैनात की जाएंगी। सभी सब-स्टेशनों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी, और आपात स्थिति के लिए मोबाइल रिपेयर यूनिट्स तैयार रहेंगी। विशेष रूप से गोमतीनगर, इंदिरानगर, और हजरतगंज जैसे क्षेत्रों में बिजली लाइनों की जाँच तेज की जाएगी, जहाँ बारिश के दौरान अक्सर समस्याएँ होती हैं।
लखनऊ में बिजली कटौती की समस्या मानसून के दौरान बढ़ जाती है, क्योंकि पुराने तार, ट्रांसफार्मरों की खराबी, और पेड़ों की टहनियों का तारों पर गिरना आम है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हर बारिश में बिजली गुल हो जाती है, और घंटों तक बहाल नहीं होती।” बिजली विभाग को पुराने बिजली तारों और ट्रांसफार्मरों को बदलने, नियमित रखरखाव, और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र को मज़बूत करना होगा।