लखनऊ, 14 मई । लखनऊ के टेढ़ी पुलिया और अर्जुनगंज चौराहे पर आज जिलाधिकारी विशाख जी के नेतृत्व में एक बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शहर में बढ़ती भिक्षावृत्ति पर रोक लगाना और भिखारी गैंग्स के खिलाफ कार्रवाई करना था। यह छापेमारी 14 मई 2025 को सुबह शुरू हुई और दिनभर चली, जिसमें 19 प्रमुख चौराहों से कुल 36 भिखारियों को रेस्क्यू किया गया।जिलाधिकारी ने बताया कि टेढ़ी पुलिया और अर्जुनगंज चौराहा भिक्षावृत्ति का प्रमुख केंद्र बन गया था, जहां संगठित गिरोह बच्चों और महिलाओं से जबरन भीख मंगवा रहे थे। इस अभियान में 31 भिखारियों को टेढ़ी पुलिया-अर्जुनगंज क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया। इनमें से कई नाबालिग और महिलाएं थीं, जिन्हें कथित तौर पर गैंग्स द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था।पुलिस ने गुडंबा और सुशांत गोल्फ सिटी थानों में भिखारी गैंग के दो सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। डीएम विशाख जी ने कहा, “भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है, और इसे खत्म करने के लिए हम सख्त कदम उठा रहे हैं। रेस्क्यू किए गए लोगों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा जाएगा, जहां उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।”इस छापेमारी के दौरान प्रशासन ने चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल और आसपास के क्षेत्रों की गहन जांच की। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है, लेकिन कुछ ने सवाल उठाया कि क्या यह अभियान लंबे समय तक प्रभावी रहेगा। एक दुकानदार ने कहा, “हर बार छापेमारी होती है, लेकिन कुछ दिन बाद भिखारी वापस आ जाते हैं। प्रशासन को स्थायी समाधान ढूंढना चाहिए।”प्रशासन ने भविष्य में और सख्ती बरतने का ऐलान किया है। रेस्क्यू किए गए लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। यह अभियान लखनऊ को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



