लखनऊ, 11 अगस्त। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) की छात्र इकाई समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग (ईसीआई) के खिलाफ जोरदार हंगामा मचाया। बारिश के बीच नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने ईसीआई पर भाजपा को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया और पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसी बीच, दिल्ली में विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव और अन्य की गिरफ्तारी ने पूरे मामले को और तूल दे दिया। सपा की महिला इकाई ने भी लखनऊ में जमकर प्रदर्शन किया।यह पूरा बवाल इलेक्शन कमिशन (ईसीआई) पर ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों के इर्द-गिर्द घूम रहा है, खासकर बिहार की विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर।लखनऊ में सुबह से ही चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास सपा विधायकों और छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे बिजली निजीकरण, बाढ़, किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी और ‘वोट चोरी’ जैसे मुद्दों पर पोस्टर-बैनर लेकर पहुंचे। समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने ईसीआई को ‘भाजपा का कार्यकर्ता’ बताते हुए नारे लगाए, जैसे “चुनाव आयोग मुर्दाबाद, लोकतंत्र बचाओ”। बारिश के बावजूद प्रदर्शन जारी रहा और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे हल्की झड़प हुई। सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने सदन में भी मुद्दा उठाया, जहां उन्होंने गोरखपुर में अपनी दुकानों पर बिना नोटिस कार्रवाई का जिक्र किया।
इसी दौरान, सपा की महिला विंग की सदस्यों ने विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें वे मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए नारे लगा रही थीं।
दिल्ली में स्थिति और गंभीर थी। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद से ईसीआई कार्यालय तक मार्च निकाला, जहां वे बिहार एसआईआर में ‘वोटर फ्रॉड’ और 2024 लोकसभा चुनावों में हेरफेर के आरोप लगा रहे थे। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस बैरिकेड कूदकर प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
राहुल गांधी ने हिरासत के बाद कहा, “यह लड़ाई संविधान बचाने की है, ‘एक व्यक्ति एक वोट’ सुनिश्चित करने की है। चुनाव आयोग अब छिप नहीं सकता, पूरी विपक्ष लड़ रही है।”
अखिलेश यादव ने धरने पर बैठकर कहा, “जनता का वोट जनता के हक में पड़े, यही असली लोकतंत्र है। हम वोट चोरी करने वालों के खिलाफ लड़ेंगे।”
प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा बेहोश हो गईं, और कुल 300 से ज्यादा सांसद शामिल थे। पुलिस ने उन्हें ईसीआई पहुंचने से रोका, जिससे सड़क पर धरना शुरू हो गया।
यह बवाल ईसीआई पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के आरोपों से उपजा है। विपक्षी नेता दावा कर रहे हैं कि ईसीआई ‘भाजपा का बी-टीम’ बन गया है, खासकर मतदाता सूची में मृतकों के नाम और गलत फोटो शामिल होने से। राहुल गांधी ने हाल ही में ईसीआई पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए पांच सवाल उठाए, जिसमें 2024 लोकसभा और महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों के चुनावों में हेरफेर का जिक्र है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने भी ईसीआई को ‘भाजपा का सहयोगी’ बताया।
वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को ‘झूठा’ करार दिया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “कांग्रेस झूठ फैला रही है, ईसीआई पर हमला गलत है।”भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी पर ‘चुनावी प्रक्रिया पर हमला’ का आरोप लगाया।
ईसीआई ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन विपक्ष ने ‘वोट चोरी’ अभियान खासकर बिहार चुनावों से पहले शुरू कर दिया है।
ग्राउंड पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। लखनऊ में सपा विधायक माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा मांगेंगे, देखते हैं क्या होता है।”
दिल्ली में गिरफ्तार नेता रिहा हो चुके हैं, लेकिन विपक्ष ने चेतावनी दी कि यह लड़ाई जारी रहेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आरोप ईसीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं, लेकिन भाजपा इसे विपक्ष की हताशा बता रही है। आने वाले दिनों में बिहार चुनाव इस विवाद को और गर्म कर सकते हैं।