लखनऊ,10 जून।लखनऊ के इंदिरा नहर डैम में 14 वर्षीय किशोर जीतू यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने शहर में हलचल मचा दी है। मंगलवार तड़के डैम के किनारे जीतू का शव मिला, जिसके बाद परिजनों ने इसे महज हादसा मानने से इनकार कर दिया और हत्या का गंभीर आरोप लगाया। गुस्साए परिवार और स्थानीय लोगों ने गोमती नगर के शंकर चौराहे पर शव रखकर सड़क जाम कर दी, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। जीतू की बहन कशिश यादव ने सनसनीखेज दावा किया कि उसके भाई के शरीर पर चोट के निशान थे और पुलिस ने बिना उनकी सहमति के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया।
क्या है पूरा मामला?
जीतू यादव, जो ग्वारी गांव का निवासी था और टीडी गर्ल्स कॉलेज में कक्षा 10 का छात्र था, सोमवार को अपने दोस्तों आर्यन पाठक और शिवम के साथ घूमने निकला था। परिजनों के अनुसार, जीतू ने उन्हें बताया था कि वह दोस्तों के साथ इंदिरा नहर डैम के पास जा रहा है। देर रात तक जब वह घर नहीं लौटा, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। मंगलवार तड़के करीब 4 बजे पुलिस ने परिवार को सूचना दी कि जीतू का शव इंदिरा डैम के पास मिला है और उसकी डूबने से मौत हो गई।हालांकि, जब परिजन मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने शव को पानी में नहीं, बल्कि रेत में धंसा हुआ पाया। जीतू के गले और शरीर पर चोट के निशान देखकर परिवार का शक गहरा गया। जीतू की बहन कशिश यादव ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “मेरे भाई को दोस्तों ने मारा है। उसके शरीर पर चोट के निशान थे, लेकिन पुलिस ने हमें शव तक ठीक से देखने नहीं दिया। बिना हमारी सहमति के पोस्टमॉर्टम कराया और पिपराघाट ले जाकर जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया।” परिजनों का दावा है कि यह हत्या का मामला है, जिसे पुलिस डूबने का हादसा बताकर दबाने की कोशिश कर रही है।
परिजनों का हत्या का आरोप
कशिश ने बताया, “जीतू ने हमें बताया था कि वह आर्यन और शिवम के साथ जा रहा है। अगर यह डूबने का मामला था, तो उसके दोस्त कहाँ हैं? वे मौके पर क्यों नहीं थे?” परिजनों ने मांग की है कि आर्यन और शिवम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच हो।
शंकर चौराहे पर प्रदर्शन
मंगलवार दोपहर गुस्साए परिजनों और ग्वारी गांव के सैकड़ों लोगों ने गोमती नगर के शंकर चौराहे पर जीतू का शव रखकर सड़क जाम कर दी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और हत्या की जांच की मांग की। इस दौरान इलाके में भारी ट्रैफिक जाम हो गया, और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय लोगों ने भी परिवार का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस की कहानी में कई खामियां हैं। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही गोमती नगर पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन परिवार ने बिना एफआईआर के शव उठाने से मना कर दिया।
गोमती नगर पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे डूबने का मामला बताया है। पुलिस का कहना है कि जीतू डैम में नहाने के दौरान गहरे पानी में चला गया होगा। हालांकि, शव पर चोट के निशानों के बारे में पूछे जाने पर पुलिस ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिवार के आरोपों की जांच की जा रही है।” पुलिस ने यह भी बताया कि अंतिम संस्कार परिवार की मौजूदगी में किया गया, लेकिन परिजनों ने इस दावे को खारिज कर दिया।