लखनऊ, 25 जून। लखनऊ में आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की। यह आयोजन बीजेपी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य आपातकाल के दौरान कथित अत्याचारों को उजागर कर कांग्रेस और विपक्षी दलों को निशाना बनाना है। सुबह 10:45 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोक भवन में एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें आपातकाल के दौरान प्रेस सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी, और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश से संबंधित दस्तावेज, तस्वीरें, और लेख प्रदर्शित किए गए। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ऐसी संगोष्ठियां और प्रदर्शनियां आयोजित करने की योजना बनाई है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने एक बयान में कहा, “1975 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने संविधान को कुचलकर लोकतंत्र की हत्या की थी। हमारी यह पहल नई पीढ़ी को उस काले दौर से अवगत कराने के लिए है।” प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान जेल में बंद नेताओं, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, और जयप्रकाश नारायण, के पत्र और लेखों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। बीजेपी ने दावा किया कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों को बिना कारण जेल में डाला गया, और प्रेस की स्वतंत्रता पूरी तरह छीन ली गई थी। आज के इस कार्यक्रम के लिए लोक भवन के बाहर बीजेपी कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे थे, और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। प्रदर्शनी में प्रवेश के लिए विशेष पास की व्यवस्था की गई थी, और इसे आम जनता के लिए दोपहर 12:00 बजे से खोला गया था।
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस आयोजन को “राजनीतिक नौटंकी” करार दिया। सपा प्रवक्ता सुनील यादव ने सुबह 9:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बीजेपी इतिहास को तोड़-मरोड़ कर अपनी राजनीति कर रही है।
सुबह 10:00 बजे हजरतगंज में एक छोटा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें सपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ नारे लगाए। लखनऊ के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आयोजन 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है। राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. संजय तिवारी ने सुबह 11:00 बजे कहा, “बीजेपी इस मुद्दे को उठाकर विपक्ष को कठघरे में खड़ा करना चाहती है, लेकिन यह रणनीति उलटी भी पड़ सकती है।” सुबह 11:30 बजे तक लोक भवन के बाहर भारी भीड़ देखी गई, और पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया। बीजेपी ने दोपहर 1:00 बजे तक दावा किया कि यह आयोजन केवल ऐतिहासिक जागरूकता के लिए है, न कि राजनीतिक लाभ के लिए।