लखनऊ,14 अगस्त।जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा मार्ग के पास बादल फटने की घटना हुई। यह घटना किश्तवाड़ के एक पहाड़ी इलाके में हुई, जहां भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ और मलबा बहने लगा। सुबह 6:00 बजे तक स्थानीय लोगों ने चीख-पुकार सुनी, और मलबे में कई तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंस गए। इस आपदा में कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, हालांकि दोपहर 3:00 बजे तक केवल 4 शव बरामद किए गए थे। मृतकों में 2 पुरुष, 1 महिला, और 1 बच्चे की पहचान हुई, लेकिन उनके नाम प्रशासन ने अभी सार्वजनिक नहीं किए। बाकी 6 लोगों के लापता होने की सूचना है, और उनकी तलाश जारी है।
सुबह 6:30 बजे से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), स्थानीय पुलिस, और सेना की टीमें बचाव कार्य में जुट गईं। दोपहर 2:00 बजे तक लगभग 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से 10 को मामूली चोटें आईं और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया। मचैल माता यात्रा मार्ग, जो तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, पूरी तरह बंद हो गया, और आसपास के गांवों में बिजली और संचार सेवाएं बाधित हो गईं। मौसम विभाग ने सुबह 8:00 बजे चेतावनी जारी की कि अगले 24 घंटों तक किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में भारी बारिश जारी रह सकती है। स्थानीय प्रशासन ने दोपहर 1:30 बजे प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए, जहां 100 से अधिक लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दोपहर 3:30 बजे एक बयान में कहा कि प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दे रहा है। इस आपदा में लगभग 200 लोग प्रभावित हुए, जिनमें 50 से अधिक तीर्थयात्री शामिल हैं। 10 लोग घायल हैं, और 6 लोग अभी भी लापता हैं।