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आगामी चेहल्लुम में बरामद होगा शोअरा ए हुसैनी का अलम, शायरों से शिरकत की इलतेमास

लखनऊ,9 अगस्त।लखनऊ में आगामी चेहल्लुम के मद्देनजर जहां शांति कमेटियों की बैठकें शुरू हो चुकी हैं, वहीं चहलुम के जुलूस को लेकर शिया समुदाय में भी तैयारियां जोरों पर हैं। चहलुम का जुलूस इस वर्ष भी हर साल की तरह इमामबाड़ा नाज़िम साहब में मजलिस के आयोजन और इसके समापन के बाद शुरू होगा, जो तालकटोरा कर्बला पहुंचकर समाप्त होगा। इस जुलूस में लखनऊ की लगभग 100 से अधिक अंजुमनें शिरकत करती हैं, जो अपनी-अपनी अंजुमन के अलम को लेकर चलती हैं। अंजुमने कर्बला वालों को श्रद्धांजलि के रूप में सलाम वा नौहे पेश करते हैं। इस दौरान क़मा और जंजीरों का मातम भी किया जाता है।इसी जुलूस में “शोअराए हुसैनी” नामक अंजुमन भी अपना अलम लेकर चलती है। यह अलम इमामबाड़ा नाज़िम साहब से जुलूस के साथ निकलेगा और नक्खास के अबू तालिब अपार्टमेंट के सामने स्थित मस्जिद मोलसरी में इसका समापन होगा। ये “शोअराए हुसैनी” शायरों की अंजुमन है, इसलिए इसके लिए शहंशाह बिल्डिंग में हाल ही में आयोजित मसालमे के एक मिसरे पर शायरों से एक-एक शेर देने का अनुरोध किया गया है। इन शेरों को मिलाकर एक सलाम तैयार किया जाएगा। इस अलम में शोअरा ए कराम की विशेष भागीदारी भी देखी जाती है।इस बार भी शायरों से अनुरोध किया गया है कि वे आलम में शिरकत करें और अपने-अपने शेर भेजकर सलाम को पूर्ण करने में योगदान दें। शहंशाह बिल्डिंग का मिसरा है: “बराए मिदहते असग़र मसालमा होगा”।
इस मिसरे की रदीफ “होगा” और काफिया “क्या,सामना, मरसिया” निर्धारित किया गया है। शायरों से अनुरोध है कि यदि उन्होंने अपने शेर लिखे हैं या कोई और इसमें योगदान देना चाहते हैं, तो वे अपने शेर इस मिसरे पर लिखकर व्हाट्सएप नंबर 9889053724 पर भेज सकते हैं।

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