लखनऊ, 4 जुलाई । महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। 4 जुलाई 2025 को राज्य विधानसभा में पेश आँकड़ों में महाराष्ट्र सरकार ने खुलासा किया कि मार्च और अप्रैल 2025 में इन क्षेत्रों में 479 किसानों ने आत्महत्या की। राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद यादव ने बताया कि मार्च में 250 किसानों ने अपनी जान दी, जिनमें 102 को मुआवजा देने योग्य माना गया, 62 मामलों को आयोग के पास भेजा गया, और 77 की जाँच जारी है। अप्रैल में 229 किसानों ने आत्महत्या की, जिनमें 74 मुआवजे के पात्र हैं, 31 को आयोग भेजा गया, और 124 मामलों की जाँच चल रही है। ये आँकड़े किसानों की बदहाल स्थिति और कृषि संकट की गंभीरता को दर्शाते हैं। विपक्ष ने सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया है।