लखनऊ, 30 जून। लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा के बाहर अजादारी रोड पर 30 जून 2025 की सुबह एक तंजीम के अध्यक्ष प्रिंस इकबाल मिर्जा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की संपत्ति पर अवैध दुकानों को हटाने की माँग को लेकर प्रदर्शन किया। यह सड़क धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की है, क्योंकि यहाँ मोहर्रम के दौरान जियारत और मजलिसों के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इन अवैध दुकानों के कारण सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी होती है।
प्रिंस इकबाल मिर्जा ने बताया कि अजादारी रोड, जिसे हुसैनाबाद ट्रस्ट ने राहगीरों के लिए आवागमन हेतु समर्पित किया था, पर कई सालों से अवैध दुकानें लगाई जा रही हैं। ये दुकानें न केवल सड़क को संकरा करती हैं, बल्कि मोहर्रम के दौरान होने वाली मजलिसों और जियारत में भी बाधा डालती हैं। उन्होंने कहा, “यह धार्मिक स्थल है, जहाँ सुबह मौलाना मीसम जैदी जैसे विद्वान मजलिस को संबोधित करते हैं, और शाम को श्रद्धालु हजरत इमाम हुसैन की जियारत के लिए आते हैं। लेकिन अवैध दुकानों और जाम के कारण लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है।”
सूत्रों के अनुसार, हुसैनाबाद ट्रस्ट के उपाध्यक्ष ने एक स्थानीय यूट्यूब चैनल एन एस लाइव न्यूज़ चैनल की खबर का संज्ञान लेते हुए विगत दिन नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी को पत्र लिखकर इन दुकानों को हटाने का निर्देश दिया था। इसके आधार पर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए कुछ दुकानों को हटाया भी था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने दुकानदारों से मोटी रकम लेकर इन दुकानों को फिर से लगाने की अनुमति दे दी। सूत्रों ने दावा किया कि हुसैनाबाद ट्रस्ट के कुछ कर्मचारी भी इस रैकेट में शामिल हैं, जो दुकानदारों से मोटी रिश्वत लेकर अवैध कब्जे को बढ़ावा दे रहे हैं।
मोहर्रम के 10 दिनों के दौरान छोटा इमामबाड़ा क्षेत्र में भारी भीड़ होती है। सड़कों पर अवैध दुकानों और होटलों के कारण यातायात जाम की स्थिति बन जाती है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि रात के समय सड़कों पर तीन-तीन लेन में वाहन खड़े हो जाते हैं, जिससे मरीजों को ले जा रही एम्बुलेंस तक जाम में फँस जाती हैं। एक स्थानीय निवासी, मोहम्मद हसन, ने कहा, “लोग यहाँ खाने-पीने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उनकी गाड़ियों के कारण जाम में फँसे मरीजों को कितनी तकलीफ होती है।”
प्रिंस इकबाल मिर्जा ने नगर निगम और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे अवैध निर्माणों और दुकानों को हटाने का दावा तो करते हैं, लेकिन कुछ समय बाद ये दुकानें फिर से लग जाती हैं। उन्होंने माँग की कि नगर निगम और पुलिस संयुक्त रूप से सख्त कार्रवाई करें और ऐसी दुकानों को हटाया जाए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया, और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
लखनऊ पुलिस ने एक बयान में कहा कि वे इस मामले की जाँच कर रहे हैं और अवैध दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हुसैनाबाद ट्रस्ट ने भी आश्वासन दिया कि उनकी संपत्ति पर किसी भी तरह के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने लखनऊ में धार्मिक स्थलों के आसपास अवैध कब्जों और प्रशासनिक लापरवाही के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। स्थानीय लोग माँग कर रहे हैं कि मोहर्रम जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर ऐसी समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जाए ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।