लखनऊ, 30 जून। पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर आज सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बड़े ऑपरेशन में 300 से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस खदेड़ दिया। इस कार्रवाई के दौरान बीएसएफ ने घुसपैठियों को चेतावनी दी कि यदि वे पीछे नहीं हटे तो गोलीबारी की जाएगी। यह ऑपरेशन पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के सीमावर्ती इलाकों में हुआ, जहाँ बीएसएफ को खुफिया जानकारी मिली थी कि एक बड़े समूह को अवैध रूप से भारत में प्रवेश कराने की कोशिश की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, ये घुसपैठिए बांग्लादेश से भारत में काम की तलाश में आए थे। बीएसएफ की नदिया यूनिट और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें सीमा पर कड़ी निगरानी और घेराबंदी की गई। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घुसपैठियों का एक बड़ा समूह रात के अंधेरे में सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था। बीएसएफ ने पहले मौखिक चेतावनी दी, और जब समूह नहीं रुका, तो हवाई फायरिंग की गई, जिसके बाद घुसपैठिए वापस बांग्लादेश की ओर भाग गए। इस कार्रवाई में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन बीएसएफ ने सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, इस ऑपरेशन में मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ। घुसपैठियों ने बताया कि उन्हें बांग्लादेश से भारत लाने वाले दलालों ने नौकरी और बेहतर जिंदगी का वादा किया था। बीएसएफ ने इस रैकेट के खिलाफ जाँच शुरू की है और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार बीएसएफ के साथ मिलकर अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने केंद्र सरकार से सीमा पर बाड़बंदी और निगरानी उपकरणों को और मजबूत करने की माँग की। इस बीच, बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ और तस्करी के खिलाफ उनकी कार्रवाइयाँ निरंतर जारी रहेंगी।
आर्थिक असमानता और बांग्लादेश में रोजगार की कमी के कारण ऐसी घटनाएँ बढ़ रही हैं। मानव तस्करी और अवैध घुसपैठ के खिलाफ और सख्त नीतियों की जरूरत है। बीएसएफ ने सीमा पर ड्रोन निगरानी और थर्मल इमेजिंग डिवाइस जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।