लखनऊ, 24 जून । ईरान और इजरायल के बीच जारी तनावपूर्ण युद्ध के बीच ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के युद्धविराम के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। तेहरान से मिली खबरों के अनुसार, अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्पष्ट किया, “जैसा कि ईरान ने बार-बार कहा है, इजरायल ने ईरान पर युद्ध शुरू किया है, न कि ईरान ने इसराइल पर युद्ध थोपा है। फिलहाल, युद्धविराम या सैन्य अभियानों की समाप्ति पर कोई समझौता नहीं हुआ है।”
उन्होंने आगे कहा, “यदि इजरायली शासन तेहरान समय के अनुसार सुबह 4 बजे से पहले ईरानी लोगों के खिलाफ अपने अवैध हमले रोक देता है, तो उसके बाद हमारी जवाबी कार्रवाई जारी रखने की कोई मंशा नहीं है। हालांकि, हमारे सैन्य अभियानों को रोकने का अंतिम फैसला बाद में लिया जाएगा।”
इस बीच, इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने दावा किया कि पिछले 24 घंटों में ईरान ने तीन बार मिसाइल हमले किए, जिनमें छह नागरिकों की मौत हो गई। तेल अवीव में सायरन की गूंज के बीच लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। इन हमलों ने ट्रम्प के युद्धविराम के दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका के इस ऐलान का ईरान पर कोई असर नहीं पड़ा है।
ईरान की जवाबी कार्रवाई ने अमेरिका को दिखाया आईना
सुपरपावर के रूप में अपनी पहचान बनाए रखने वाले अमेरिका को ईरान ने करारा जवाब देकर उसके बढ़े हुए हौसले को धराशायी कर दिया है। अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज, और इस्फहान जैसे परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे, जिन्होंने भारी तबाही मचाई। लेकिन ईरान ने चुप रहने के बजाय अमेरिका के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया। ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने कतर और अन्य देशों में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में अमेरिकी सैनिकों को हताहत करने के साथ-साथ उनके सैन्य उपकरणों और सामानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया।
ईरान की इस जवाबी कार्रवाई ने अमेरिका की वैश्विक साख को गहरा झटका दिया है। एक छोटा सा मुल्क होने के बावजूद ईरान ने न केवल इजरायल को चुनौती दी, बल्कि अमेरिका के सामने भी डटकर मुकाबला किया। इसने दुनिया भर में अमेरिका की उस छवि को धूमिल कर दिया, जिसमें वह अजेय शक्ति के रूप में देखा जाता था।
युद्धविराम की अटकलें और ईरान का रुख
हालांकि, युद्धविराम की बातें भी चल रही हैं। कतर की मध्यस्थता से मध्य पूर्व में दो सप्ताह से जारी इस संघर्ष को रोकने की कोशिशें हो रही हैं। लेकिन ईरान ने साफ कर दिया है कि वह तभी युद्धविराम पर विचार करेगा, जब इजरायल पूरी तरह से अपने हमले बंद कर देगा। अराघची ने कहा कि इजरायल के हमले अमेरिका की हरी झंडी के बिना संभव नहीं थे, और ईरान किसी भी धमकी के आगे झुकने वाला नहीं है।
विश्लेषकों का मानना है कि ईरान की इस अडिग नीति ने मध्य पूर्व की भू-राजनीति में नए समीकरण पैदा कर दिए हैं। जहां एक ओर इजरायल और अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने की जिद पर अड़े हैं, वहीं ईरान ने अपनी आत्मरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध को और तेज करने की चेतावनी दी है।
फिलहाल, पूरी दुनिया की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या युद्धविराम की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, या यह संघर्ष और भयावह रूप लेगा। ईरान का साहस और जवाबी कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि वह न तो इजरायल के सामने झुकेगा और न ही अमेरिका की धमकियों से डरेगा।