लखनऊ, 2 जून। शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में वैसे गैस लीक मामला 1 जून 2025 को हुआ था,जिसके बाद पूरे परिसर में हड़कंप मचा ग़या था। यह घटना अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में ऑक्सीजन सिलेंडर से गैस रिसाव के कारण हुई थी, लेकिन इसके प्रभाव और जांच 2 जून 2025 को भी चर्चा में है। अस्पताल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया, जिससे कोई बड़ा हादसा टल गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गैस रिसाव की सूचना मिलते ही वार्डों में अफरा-तफरी मच गई, और मरीजों के परिजनों में डर का माहौल बन गया।शाहजहांपुर के जिलाधिकारी ने बताया कि गैस लीक की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो यह पता लगाएगी कि रिसाव का कारण तकनीकी खराबी थी या लापरवाही। प्रारंभिक जांच में सिलेंडर के वाल्व में खराबी की बात सामने आई है। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, “यह लापरवाही अस्वीकार्य है। मेडिकल कॉलेज जैसे स्थान पर ऐसी घटनाएं मरीजों की जान जोखिम में डाल सकती हैं।” अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि रिसाव को तुरंत नियंत्रित किया गया, और अग्निशमन विभाग ने स्थिति को संभाला।उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और स्वास्थ्य विभाग को सभी मेडिकल कॉलेजों में गैस आपूर्ति प्रणालियों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ से स्वास्थ्य मंत्री ने बयान जारी कर कहा, “हम ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे।” शाहजहांपुर के स्थानीय नेताओं ने इस घटना को लेकर सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता राकेश यादव ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है।”यह घटना स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की मांग को और मजबूत करती है। मरीजों और उनके परिजनों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित जांच और प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। 2 जून को भी इस घटना की जांच और सुरक्षा उपायों पर चर्चा जारी रही, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे।



