गोमतीनगर में 4 करोड़ की ठगी
लखनऊ,30 अप्रैल। लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र में यूपी एसटीएफ ने जहां एक साइबर ठगी गिरोह के सरगना अब्दुल मलिक समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया।वहीं लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ के दौरान एक इनामी बदमाश पुलिस की जवाबी कार्रवाई में ढेर हो गया।
साइबर ठगी गिरोह भारतीय खाद्य निगम (FCI) का टेंडर दिलाने के नाम पर लोगों को ठग रहा था। पीड़ित गोमतीनगर निवासी सैयद रफत मुईन ने इस मामले में केस दर्ज कराया था, जिसमें उनके साथ 4 करोड़ रुपये की ठगी की गई।पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक घड़ी, 1500 रुपये नकद, फर्जी आधार कार्ड, FCI का फर्जी पहचान पत्र और कई अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं।
पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह शेयर मार्केट, गेमिंग और ऑनलाइन टास्क के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। इस घटना ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को एक बार फिर उजागर किया है।
लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र में 30 अप्रैल 2025 की सुबह करीब 4:30 बजे पुलिस और एक इनामी बदमाश के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 25 हजार रुपये का इनामी बदमाश रमेश यादव पुलिस की जवाबी कार्रवाई में ढेर हो गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि रमेश यादव, जो हत्या, लूट और डकैती जैसे कई संगीन मामलों में वांछित था, चिनहट इलाके में छिपा हुआ है।चिनहट थाना प्रभारी राजेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इलाके में घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने बदमाश को रोकने की कोशिश की, उसने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें रमेश यादव को गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।इस ऑपरेशन में चिनहट थाना प्रभारी राजेश कुमार, उपनिरीक्षक अजय सिंह, कांस्टेबल रविंद्र यादव और स्वाट टीम के सदस्य शामिल थे। बदमाश के पास से एक अवैध .315 बोर तमंचा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इस मुठभेड़ ने पुलिस की सक्रियता को दर्शाया, लेकिन साथ ही अपराधियों की हिम्मत को भी उजागर किया।
लखनऊ में एक ही दिन में साइबर ठगी और मुठभेड़ जैसी दो बड़ी घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती और उनकी कार्यकुशलता का प्रमाण दोनों हैं। साइबर ठगी का मामला गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके में हुआ, जहां उच्च शिक्षित और जागरूक लोग भी ठगों के जाल में फंस गए। वहीं, चिनहट में हुई मुठभेड़ ने यह दिखाया कि शातिर अपराधी अब भी शहर में सक्रिय हैं और पुलिस को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ रही है।पुलिस ने दोनों मामलों में त्वरित कार्रवाई कर अपनी सक्रियता दिखाई। साइबर ठगी के मामले में पीड़ित की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरोह के मुख्य सरगना को पकड़ा गया, जबकि मुठभेड़ में खतरनाक बदमाश को ढेर कर इलाके में दहशत फैलाने की कोशिश को नाकाम किया गया।लखनऊ पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या ऑनलाइन ऑफर पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतें। साइबर ठगी से बचने के लिए 1930 पर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई है। साथ ही, पुलिस ने यह भी कहा कि अपराधियों के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी।इन घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित किया है कि लखनऊ में अपराध के नए-नए रूप सामने आ रहे हैं। साइबर ठगी जैसे तकनीकी अपराध हों या सशस्त्र बदमाशों की हरकतें, पुलिस को हर मोर्चे पर सतर्क रहना पड़ रहा है। शहरवासियों को भी जागरूक और सावधान रहने की जरूरत है ताकि ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।



