लखनऊ, 29 जुलाई ।संसद के मानसून सत्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में चली चर्चा के दौरान अखिलेश ने सरकार से कई कड़े सवाल पूछे। उन्होंने खुफिया तंत्र की नाकामी, युद्धविराम के कारणों और विदेश नीति की असफलता पर सवाल उठाए, साथ ही राफेल विमानों की भूमिका पर तंज कसते हुए पूछा, “नींबू-मिर्च लगाकर जिन विमानों की पूजा की गई, वे ऑपरेशन सिंदूर में कितने उड़े?”
अखिलेश के सवाल: सुरक्षा चूक और युद्धविराम का रहस्य
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि पहलगाम हमला और पुलवामा हमले में खुफिया तंत्र की नाकामी साफ दिखती है। उन्होंने सवाल किया, “पुलवामा में आरडीएक्स ले जाने वाली गाड़ी का आज तक पता क्यों नहीं चला? अगर सरकार इतनी तकनीकी रूप से सक्षम है, तो ऐसी चूक कैसे हुई?” उन्होंने पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि सुरक्षा में चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा। अखिलेश ने ऑपरेशन सिंदूर की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए, पूछा, “जब संसद में चर्चा हो रही थी, उसी दिन ऑपरेशन महादेव क्यों शुरू हुआ?”उन्होंने युद्धविराम के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमारी सेना पाकिस्तान को हमेशा के लिए सबक सिखा सकती थी। बड़े चैनलों को देखकर लगता था कि कराची, लाहौर और PoK हमारा हो जाएगा। फिर सरकार किस दबाव में पीछे हटी? युद्धविराम का ऐलान क्यों करना पड़ा?” अखिलेश ने यह भी पूछा कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश खड़ा है, और क्या सरकार इसकी जानकारी देगी।
चीन और आतंकवाद: दोनों से बराबर खतरा
अखिलेश ने सरकार की विदेश नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान से ज्यादा खतरा चीन से है। उन्होंने आरोप लगाया, “यह लड़ाई पाकिस्तान से नहीं, बल्कि चीन से थी, जिसे सरकार छिपाने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने कहा कि गलवान की स्थिति आज भी सामान्य नहीं हुई और चीन सीमा पर अतिक्रमण कर रहा है। “चीन ने दुर्लभ सामग्रियों की आपूर्ति रोक दी, फिर भी हम आत्मनिर्भरता का नारा दे रहे हैं। हम किस पर निर्भर हो रहे हैं?” अखिलेश ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई भी देश भारत के साथ नहीं खड़ा हुआ, जिससे विदेश नीति की नाकामी उजागर होती है।
सेना की तारीफ और सरकार की आलोचना
अखिलेश ने भारतीय सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “हमें अपनी फौज पर गर्व है। दुनिया में हमारी सेना सबसे साहसी है। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और एयरबेस को तबाह किया। अगर सेना को और मौका मिलता, तो शायद PoK भी हमारा होता।” हालांकि, उन्होंने सरकार पर ऑपरेशन के ढोल पीटने का आरोप लगाया और कहा कि आतंकी हमलों की बार-बार पुनरावृत्ति सरकार की नाकामी है।
विदेश नीति और व्यापार पर सवाल
अखिलेश ने सरकार की विदेश नीति को पूरी तरह विफल करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोसी देश न तो हमारा साथ दे रहे हैं और न ही हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। चीन और अन्य पड़ोसी देश हमारी सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहे हैं।” उन्होंने स्वदेशी नीति को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की नीतियां विदेशी व्यापार को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे देश का कारोबार कमजोर हो रहा है। “भ्रष्टाचार से टंकियां गिर रही हैं, करप्शन हर जगह टपक रहा है। सरकार मुनाफाखोरी को बढ़ावा दे रही है,” अखिलेश ने तंज बहुत खूबसूरत अंदाज में कसा।
अग्निवीर योजना और सीमा सुरक्षा
अखिलेश ने अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यह सेना की क्षमता को कमजोर कर रही है। उन्होंने मांग की कि इस योजना को वापस लिया जाए ताकि सेना को पूरी ताकत मिल सके। उन्होंने कहा, “सीमा पर अतिक्रमण हो रहा है, और सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना होगा। हमारी सीमाओं की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं होना चाहिए।”
विपक्ष का दबाव और सरकार का जवाब
अखिलेश ने विपक्ष की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इन मामलों पर पारदर्शिता बरते और जनता को सच्चाई बताए। दूसरी ओर, गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आत्मरक्षा में किया गया और इसे किसी दबाव में नहीं रोका गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना की कार्रवाई को तीनों सेनाओं के समन्वय का उदाहरण बताया।



