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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी बहस: सरकार और विपक्ष में तकरार जारी,पहलगाम हमले से जुड़े तीन आतंकी ढेर

लखनऊ, 29 जुलाई। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर चल रही 16 घंटे की बहस ने आज सियासी माहौल को और गरमा दिया। सुबह 11:00 बजे शुरू हुई इस चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सरकार का पक्ष रखा, जबकि विपक्षी नेताओं, विशेष रूप से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, और आप सांसद संजय सिंह ने सरकार पर सुरक्षा चूक और कूटनीतिक नाकामी का आरोप लगाया। पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, लेकिन विपक्ष ने हमले की रोकथाम में नाकामी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम दावों पर सरकार को घेरा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना और वायुसेना ने सटीक हवाई हमलों, ड्रोन, और मिसाइलों का उपयोग करके पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और हैंडलर मारे गए। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान हमारी ताकत के सामने 48 घंटे भी नहीं टिक सका। हमने भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र की तरह धर्म की रक्षा की और आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया।” राजनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन को पाकिस्तान के डीजीएमओ के अनुरोध पर रोका गया, न कि किसी बाहरी दबाव में। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सवाल उठाने की प्रवृत्ति राष्ट्रीय भावना के खिलाफ है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 लोगों की हत्या की। मैं इस बर्बर कृत्य की निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।” उन्होंने ऑपरेशन महादेव का जिक्र करते हुए बताया कि 28 जुलाई को श्रीनगर में तीन आतंकियों—सुलेमान, अफगान, और जिब्रान—को मार गिराया गया, जो पहलगाम हमले से जुड़े थे। शाह ने कहा कि इन आतंकियों को खुफिया जानकारी के आधार पर ट्रैक किया गया और स्थानीय लोगों की मदद से उनकी पहचान हुई। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “आपको विदेशी नेताओं पर भरोसा है, लेकिन भारत के गृह मंत्री पर नहीं।”

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के युद्धविराम दावों को किया खारिज

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के युद्धविराम दावों को खारिज करते हुए कहा, “22 अप्रैल से 17 जून तक पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई। भारत ने किसी बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया।” उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने बाहवालपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जो पहले कभी निशाना नहीं बने थे। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ने 30 से अधिक देशों में बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर ऑपरेशन की आवश्यकता को वैश्विक मंच पर रखा, जिसे व्यापक समर्थन मिला।
विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “रक्षा मंत्री ने एक घंटे तक इतिहास पढ़ाया, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे पहुंचे। लोग भरोसे पर कश्मीर गए, लेकिन सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया।” उन्होंने जयशंकर के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने ट्रंप की भूमिका को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया। राहुल गांधी ने कहा, “सेना को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं दी गई। सरकार ने पाकिस्तान को बताया कि हम उनकी सैन्य संरचना पर हमला नहीं करेंगे, जिसके कारण हमारे विमान खो गए। यह सेना की नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी।” उन्होंने ट्रंप के दावों पर पीएम मोदी से जवाब मांगते हुए कहा, “अगर दम है, तो पीएम सदन में कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।”

आप सांसद संजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पहलगाम हमले के बाद पीएम बिहार में चुनावी रैली कर रहे थे, लेकिन पीड़ित परिवारों से नहीं मिले। बैसारन घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी?” उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास सेना के लिए बजट नहीं है, लेकिन प्रचार के लिए अरबों रुपये हैं। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “रक्षा मंत्री ने बहुत कुछ बताया, लेकिन यह नहीं कि आतंकी पहलगाम कैसे पहुंचे। गृह मंत्री को इसकी जवाबदेही लेनी चाहिए।”

आतंकवादियों को मारने का तरीका और तकनीक

स्रोतों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने ड्रोन और सटीक मिसाइलों का उपयोग किया, जो स्वदेशी और विदेशी तकनीकों का मिश्रण थीं। हालांकि, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह के हवाले से दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान भारत ने चीन के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का सामना किया, विशेष रूप से पाकिस्तान के ड्रोन और साइबर हमलों में। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये तकनीकें सीधे चीन से आपूर्ति की गई थीं, लेकिन रमेश ने इसे “नया परिदृश्य” बताया। ऑपरेशन महादेव में, श्रीनगर में तीन आतंकियों को खुफिया जानकारी और स्थानीय सहयोग से ट्रैक कर मार गिराया गया, लेकिन इसमें प्रयुक्त तकनीक का विवरण स्रोतों में उपलब्ध नहीं है।

दो महीने बाद आतंकियों को मारने का दावा

अमित शाह ने बताया कि पहलगाम हमले के मुख्य आतंकी ऑपरेशन महादेव में 28 जुलाई 2025 को मारे गए। ये आतंकी पहले पूंछ (दिसंबर 2023) और गंगागिर-गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) हमलों में भी शामिल थे। विपक्ष ने सवाल उठाया कि यदि खुफिया जानकारी थी, तो हमले को पहले क्यों नहीं रोका गया। जयराम रमेश ने कहा कि आतंकियों को मारने में देरी सरकार की नाकामी दर्शाती है।

विपक्ष और सरकार का रुख

विपक्ष ने पहलगाम हमले को सुरक्षा चूक बताया और मांग की कि गृह मंत्री जवाबदेही लें। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा चूक स्वीकार की, लेकिन असली जवाबदेही गृह मंत्री की है।” सरकार ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर 100% सफल रहा और पाकिस्तान को सबक सिखाया गया। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर “पाकिस्तान की भाषा बोलने” का आरोप लगाया।

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