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भारतीय तिरंगे का अपमान: ‘इंडिपेंडेंस’ पानी की बोतल से उठा विवाद, जिम्मेदार कौन?

ज़की भारतीय

लखनऊ, 1 जून। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के आयोजन और प्रतीकात्मक कदम उठाए जाते हैं। लेकिन क्या हो अगर यही देशभक्ति का प्रतीक बनने वाला एक कदम राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करने का कारण बन जाए? ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जहां ‘इंडिपेंडेंस’ नाम की एक पानी की बोतल, जिसके लेबल पर भारतीय तिरंगे के रंगों का उपयोग किया गया है, विवादों में घिर गई है। इस बोतल को लेकर यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह देश की शान का प्रतीक है या इसका अपमान करने का जरिया बन गया है?

बोतल पर तिरंगे के रंग: देशभक्ति या अपमान?

‘इंडिपेंडेंस’ नाम की यह पानी की बोतल एक निजी कंपनी द्वारा तैयार की गई है, जिसका लेबल नारंगी, सफेद और हरे रंग में डिज़ाइन किया गया है—जो भारतीय तिरंगे की स्पष्ट नकल करता प्रतीत होता है। बोतल पर ‘Independence’ शब्द लिखा है और इसके साथ ‘kan Man Mineral Water’ का उल्लेख है। यह बोतल संभवतः स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के आसपास लॉन्च की गई होगी, जिसका उद्देश्य देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना रहा होगा। लेकिन इस बोतल का उपयोग करने के बाद जब यह सड़कों, गलियों और सार्वजनिक स्थानों पर फेंक दी जाती है, तो यह जमीं पर पड़ी रहती है और लोगों के पैरों से ठोकर खाती है।एक स्थानीय निवासी रूफी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “यह बोतल तिरंगे का अपमान है। जब यह जमीन पर पड़ी होती है और लोग इसे पैरों से ठोकर मारते हैं, तो यह हमारी राष्ट्रीय शान का अपमान है। तिरंगे के रंगों का इस तरह उपयोग करना और फिर उसे अपमानित होने देना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” रूफी जैसे कई लोग इस बात से नाराज़ हैं कि सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरह की बोतल के डिज़ाइन को मंजूरी कैसे दी?

बोतल का इतिहास: किसने बनाई और क्यों?

‘इंडिपेंडेंस’ नामक यह बोतल एक निजी कंपनी ‘कान मैन मिनरल्स’ द्वारा तैयार की गई है, जो पानी की बोतलें बनाने वाली एक छोटी कंपनी है। यह कंपनी संभवतः स्थानीय स्तर पर काम करती है और इस तरह के प्रतीकात्मक डिज़ाइनों के जरिए अपनी बिक्री बढ़ाने की कोशिश करती है। अनुमान है कि यह बोतल स्वतंत्रता दिवस 2024 के आसपास लॉन्च की गई होगी, ताकि लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाया जा सके और साथ ही कंपनी को व्यावसायिक लाभ हो।लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह के डिज़ाइन को मंजूरी देने से पहले कंपनी ने भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) का पालन किया? भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज या उसके रंगों का उपयोग किसी भी व्यावसायिक उत्पाद पर इस तरह से नहीं किया जा सकता, जिससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंचे। इस बोतल के मामले में, तिरंगे के रंगों का उपयोग तो किया गया, लेकिन इसके बाद इसकी गरिमा को बनाए रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि, “राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का उपयोग करना अपने आप में गलत नहीं है, लेकिन अगर इसका परिणाम अपमान में होता है, तो यह कानून का उल्लंघन है। इस बोतल को डिज़ाइन करने वाली कंपनी और इसे मंजूरी देने वाले अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस मुद्दे पर अपनी राय देते हुए कहा, “स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर देशभक्ति दिखाने के लिए साधारण बोतलें ही काफी हैं। तिरंगे के रंगों का उपयोग करके इस तरह की बोतलें बनाना और फिर उन्हें सड़कों पर फेंकने देना राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है। सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”

जिम्मेदार कौन?

इस बोतल के डिज़ाइन और वितरण की जिम्मेदारी ‘कान मैन मिनरल्स’ कंपनी की है, लेकिन इस तरह के उत्पाद को बाज़ार में आने से पहले स्थानीय प्रशासन और खाद्य एवं सुरक्षा विभाग (FSSAI) जैसे सरकारी निकायों की मंजूरी भी जरूरी होती है। यह सवाल उठता है कि क्या इस बोतल के डिज़ाइन को मंजूरी देने वाले अधिकारियों ने भारतीय ध्वज संहिता पर विचार किया था? अगर नहीं, तो इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है?स्थानीय प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, “हमारे पास इतने सारे उत्पादों की जांच करने का समय नहीं होता। अगर कोई शिकायत आती है, तभी हम कार्रवाई करते हैं।” लेकिन यह जवाब उन लोगों को संतुष्ट नहीं करता, जो इस बोतल को तिरंगे के अपमान का कारण मानते हैं।

इस विवाद को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। सबसे पहले, ‘कान मैन मिनरल्स’ कंपनी को इस बोतल का उत्पादन तुरंत बंद करना चाहिए। साथ ही, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह के डिज़ाइनों को मंजूरी देने से पहले भारतीय ध्वज संहिता का सख्ती से पालन हो। इसके अलावा, लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान कैसे करना चाहिए।

इंडिपेंडेंस’ पानी की बोतल का मामला एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि देशभक्ति दिखाने के नाम पर हम अनजाने में अपने राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान तो नहीं कर रहे? यह बोतल, जो शायद अच्छे इरादे से बनाई गई थी, आज सड़कों पर पड़ी लोगों के पैरों से ठोकर खा रही है और तिरंगे की शान को ठेस पहुंचा रही है। सरकार और नागरिकों को मिलकर इस तरह के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान बना रहे।

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