लखनऊ, 9 अगस्त। भारतीय चुनाव आयोग ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपनी सूची से हटा दिया है। ये दल पिछले छह वर्षों (2019 से अब तक) में कोई भी चुनाव नहीं लड़े और न ही इनके कार्यालय पंजीकृत पते पर पाए गए। यह कार्रवाई चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी और मजबूत बनाने के उद्देश्य से की गई है। चुनाव आयोग ने बताया कि इन 334 दलों ने पंजीकृत दलों के लिए निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर, कुल 335 दलों की जांच की गई, जिसमें 334 दल आवश्यक मापदंडों पर खरे नहीं उतरे। आयोग ने इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी दिया गया, लेकिन ये दल जवाब देने में विफल रहे।वर्तमान में, चुनाव आयोग के पास 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और 2,854 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल दर्ज हैं। आयोग के नियमों के अनुसार, यदि कोई दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता, तो उसे पंजीकृत सूची से हटा दिया जाता है। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी हटाए गए दल को इस फैसले पर आपत्ति है, तो वह 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील कर सकता है। बता दें कि जून 2025 में शुरू हुए सफाई अभियान के तहत आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 335 RUPPs की जांच करने का निर्देश दिया था। यह कदम उन दलों को हटाने के लिए उठाया गया जो या तो जनता के बीच से गायब हो चुके हैं या केवल कागजों पर मौजूद हैं। इस कार्रवाई से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और निष्क्रिय दलों को हटाकर व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है।