ज़की भारतीय
लखनऊ, 10 अगस्त । वैसे तो लखनऊ नगर निगम में अधिकतर अधिकारियों के क्षेत्र में शिथिलता और सहयोग का प्रवाह देखने को मिलता है, लेकिन पुराने लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में स्थित नगर निगम के जोन 6 कार्यालय में जोनल अधिकारी मनोज यादव के नेतृत्व में भ्रष्टाचार, अतिक्रमण, और अभद्रता की शिकायतें निरंतर बढ़ रही हैं। स्थानीय लोगों और सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि मनोज यादव न केवल अमानवीय व्यवहार करते हैं, बल्कि अपनी ताकत का दुरुपयोग कर आम लोगों और कर्मचारियों पर दबाव डालने का प्रयास करते हैं। उनकी कार्यशैली को डिक्टेटरशिप और माफिया प्रवृत्ति से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसके चलते जोन 6 में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
मनोज यादव पर गंभीर आरोप: अभद्रता से लेकर माफिया शैली तक
स्थानीय निवासियों और कर्मचारियों का कहना है कि जब कोई व्यक्ति अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मनोज यादव से मिलने जाता है, तो वह न केवल उनकी बात सुनने से इनकार करते हैं, बल्कि अपने रसूख का प्रदर्शन कर सामने वाले का मनोबल तोड़ने का प्रयास करते हैं। सूत्रों के अनुसार, मनोज यादव कथित तौर पर अपने जान-पहचान वाले पुलिस अधिकारियों, जिनमें कुछ एसपी और डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं, को फोन करवाते हैं। इसके बाद वह फोन को स्पीकर पर डालकर सामने वाले व्यक्ति को यह जताने की कोशिश करते हैं कि उनकी पहुंच शासन-प्रशासन के उच्च स्तर तक है। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “मनोज यादव कहते हैं, ‘मैं जिसको चाहूं, उसे मिट्टी में मिला दूं, जिसको चाहूं जेल भिजवा दूं। मेरे पास रोज बड़े-बड़े लोगों के फोन आते हैं।’ यह उनकी आदत है कि वह हर किसी को डराने-धमकाने का प्रयास करते हैं।” इस तरह का व्यवहार न केवल अनैतिक है, बल्कि यह एक सरकारी अधिकारी की गरिमा के खिलाफ भी है। शासन-प्रशासन में ऐसी कार्यशैली को गंभीरता से लिया जाता है, और उत्तर प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार, किसी भी अधिकारी के खिलाफ ऐसी शिकायतें सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाती है। सफाई कर्मचारियों के साथ बदतमीजी और हार्ट अटैक की घटना 12 जून 2025 को न्यूज़ट्रैक में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, मनोज यादव पर सफाई कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए थे। कर्मचारियों का कहना था कि मनोज यादव ने उनके साथ गाली-गलौज की और अमानवीय व्यवहार किया। इस घटना के बाद एक सफाई कर्मचारी को हार्ट अटैक आया, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इस मामले ने तूल पकड़ा, और अगले दिन, गुरुवार को, सैकड़ों सफाई कर्मचारियों ने जोन 6 कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने “जोनल अधिकारी मुर्दाबाद” के नारे लगाए और मनोज यादव को उनके पद से हटाने की मांग की। इस प्रदर्शन का नेतृत्व ज्ञानचंद धानुक और रिंकू धानुक ने किया था। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मनोज यादव की कार्यशैली के कारण सफाई कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि मनोज यादव का व्यवहार न केवल अमानवीय है, बल्कि यह कर्मचारियों के शोषण का कारण भी बन रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि यदि मनोज यादव को पद से नहीं हटाया गया, तो उनका आंदोलन और उग्र रूप लेगा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जोन 6 कार्यालय के बाहर पुलिस बल तैनात करना पड़ी थी।
मारपीट और अभद्रता की अन्य घटनाएँ
1 फरवरी 2025 को लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, जोन 6 में एक अन्य घटना में कार्यदायी संस्था एलएसए के कर्मचारियों और संविदा सफाई कर्मचारियों के बीच मारपीट और गाली-गलौज का मामला सामने आया था। इस घटना में महिला सफाई कर्मचारियों रीना, सुनैना, पिंकी, श्यामा, और अनीता ने आरोप लगाया कि कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने उनके साथ अभद्रता की। इस घटना के बाद सैकड़ों सफाई कर्मचारियों ने जोन 6 कार्यालय का घेराव किया और कार्यदायी संस्था के साथ काम न करने की बात कही। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चौक, वजीरगंज, और ठाकुरगंज थानों से पुलिस बल और पीएसी को बुलाना पड़ा।
हालांकि, इस घटना में मनोज यादव का सीधा उल्लेख नहीं है, लेकिन यह जोन 6 में तनावपूर्ण माहौल और खराब प्रबंधन का एक उदाहरण है। मनोज यादव के नेतृत्व में जोन 6 कार्यालय लगातार विवादों में घिरा रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या उनकी कार्यशैली इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है।
माफिया प्रवृत्ति और प्रशासनिक चुप्पी
मनोज यादव की कार्यशैली को स्थानीय लोग और कर्मचारी “माफिया प्रवृत्ति” से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि मनोज यादव न केवल अपने पद का दुरुपयोग करते हैं, बल्कि अपने रसूख का इस्तेमाल कर लोगों को डराने-धमकाने का प्रयास करते हैं। यह एक सामान्य सरकारी अधिकारी का व्यवहार नहीं, बल्कि एक माफिया जैसी प्रवृत्ति को दर्शाता है। कर्मचारियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि मनोज यादव को जोन 6 से तत्काल हटाया जाना चाहिए, ताकि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बहाल हो सके। नगर निगम प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह चुप्पी प्रशासन की उदासीनता को दर्शाती है और कर्मचारियों के बीच असंतोष को और बढ़ा रही है।
मनोज यादव के खिलाफ लगातार बढ़ रही शिकायतें और प्रदर्शन इस बात का संकेत हैं कि जोन 6 में स्थिति गंभीर है। सफाई कर्मचारियों का हार्ट अटैक, गाली-गलौज, और मारपीट की घटनाएँ न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि एक अधिकारी की मनमानी कार्यशैली पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है। स्थानीय लोग और कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि मनोज यादव को तत्काल उनके पद से हटाया जाए और उनकी कार्यशैली की निष्पक्ष जाँच की जाए। लखनऊ नगर निगम को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों और नागरिकों का विश्वास बहाल हो सके। साथ ही, प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों और जोन 6 में सफाई और प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर किया जाए।