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अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर तीखा प्रहार, SIR में जाति कॉलम की मांग और पार्टी निष्ठा का संकल्प

मुज़फ्फर हुसैन

लखनऊ, 31 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। यह आयोजन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती एवं आचार्य नरेंद्र देव की जन्म जयंती के अवसर पर किया गया, जिसमें अखिलेश ने केंद्र एवं राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार, अपराध, किसान उत्पीड़न और सामाजिक अन्याय के गंभीर आरोप लगाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रति निष्ठा बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया, जो पार्टी की आंतरिक मजबूती को दर्शाता है। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठजोड़ को मजबूत बनाते हुए आने वाले चुनावों में एकजुट रहें।

सरदार पटेल की जयंती पर एकता का संदेश, RSS पर तीखा कटाक्ष

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। अखिलेश ने कहा, “लौह पुरुष सरदार पटेल ने भारत को एकजुट किया, लेकिन आज कुछ ताकतें देश को सियासी फायदे के लिए बांटने पर तुली हैं।” उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर सीधा निशाना साधते हुए दावा किया कि सरदार पटेल ने गांधीजी की हत्या में कथित भूमिका के कारण RSS और हिंदू महासभा पर प्रतिबंध लगाया था। “आप चैटजीपीटी से पूछ लें, क्यों सरदार पटेल ने RSS पर बैन लगाया था। प्रतिबंध तभी हटाया गया जब लिखित आश्वासन दिया गया,” अखिलेश ने कहा। यह बयान राजनीतिक हलकों में विवाद पैदा कर सकता है, क्योंकि RSS ने इसे ऐतिहासिक तथ्यों का अपवर्जन बताया है।
साथ ही, आचार्य नरेंद्र देव को याद करते हुए अखिलेश ने समाजवादी विचारधारा की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सपा सरदार पटेल के नाम पर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाएगी, जिसमें विश्वविद्यालयों में सुधार और युवाओं के लिए रोजगार-उन्मुख पाठ्यक्रम शामिल हैं।

SIR में जाति कॉलम की मांग: PDA को सशक्त बनाने की रणनीति

प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रमुख मुद्दा उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में जाति कॉलम जोड़ने की मांग रही। अखिलेश ने कहा, “SIR के दौरान जाति का अलग कॉलम जोड़ा जाए ताकि पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की सटीक गणना हो सके। बिहार में यह किया गया, यूपी में क्यों नहीं? इससे सही नीतियां बनेंगी और PDA समाज को न्याय मिलेगा।” उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे घर-घर जाकर डेटा संग्रह में सहयोग करें। यह मांग सपा की जातिगत जनगणना की लंबे समय से चली आ रही वकालत को मजबूत करती है और आगामी विधानसभा चुनावों में PDA वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा लगती है।
अखिलेश ने बनारस की स्थिति पर भी चिंता जताई। “बनारस को क्योटो बनाने का वादा था, लेकिन सड़कें तोड़कर बिना मुआवजे के लोगों को परेशान किया जा रहा है।” उन्होंने अपराध के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा, “यूपी में बेटियां सबसे असुरक्षित हैं। विकास दुबे जैसे अपराधी को डर से जिंदा रखा जा रहा है, वरना सच्चाई सामने आ जाएगी।” एनकाउंटर राज को ‘भय पैदा करने का ढोंग’ बताते हुए उन्होंने निर्दोषों की हत्याओं का जिक्र किया।
किसानों की पीड़ा: गन्ना भुगतान में देरी, चीनी मिलों की बिक्री का आरोप
किसानों के मुद्दे पर अखिलेश ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “गन्ना मूल्य घोषणा में देरी हो रही है, किसानों को खाद तक नहीं मिल रही। सरकार चीनी मिलें बेचने का काम कर रही है, जो किसानों की कमर तोड़ देगा।” उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों का हवाला देते हुए कहा कि इससे किसानों की उपेक्षा हो रही है। सपा ने वादा किया कि सत्ता में आने पर किसानों के कर्ज माफी और गन्ना भुगतान को प्राथमिकता दी जाएगी।
भ्रष्टाचार पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा, “सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। डिजिटल गिरफ्तारियां रोज हो रही हैं, लॉ एंड ऑर्डर नाम का कुछ बचा ही नहीं।” उन्होंने बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की घटनाएं यूपी की हकीकत को उजागर करती हैं।

पार्टी निष्ठा का संकल्प: कार्यकर्ताओं का उत्साह, एकजुटता का संदेश

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने पार्टी से निष्ठावान बने रहने का प्रण लिया। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हम PDA के साथ मिलकर बदलाव लाएंगे। बीजेपी की नकारात्मकता के खिलाफ सकारात्मक राजनीति करेंगे।” कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए, जो पार्टी की आंतरिक एकता को मजबूत करने का प्रयास था। यह संकल्प विशेष रूप से उन कार्यकर्ताओं के लिए था जो स्थानीय स्तर पर सक्रिय हैं, ताकि वे आगामी चुनौतियों का सामना एकजुट होकर करें।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: बीजेपी का पलटवार

प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद बीजेपी ने तीखा पलटवार किया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा, “अखिलेश यादव इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सरदार पटेल की विरासत को RSS से जोड़ना उनकी हताशा है। SIR में जाति कॉलम की मांग वोट बैंक की राजनीति है।” विपक्षी दलों ने सपा की मांगों का समर्थन किया, जबकि NDA सहयोगी इसे ‘विभाजनकारी’ बता रहे हैं।

बदलाव की उम्मीद

अखिलेश की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सपा की आक्रामक रणनीति का हिस्सा लगती है, जो सामाजिक न्याय, किसान कल्याण और एकता के मुद्दों पर केंद्रित है। पार्टी कार्यकर्ताओं का निष्ठा संकल्प आगामी चुनावों में सपा को मजबूती दे सकता है। लखनऊ की सड़कों पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और PDA गठजोड़ की यह पहल यूपी की सियासत को नई दिशा दे सकती है। सपा ने घोषणा की कि सरदार पटेल के नाम पर तकनीकी शिक्षा अभियान चलाया जाएगा, जो युवाओं को जोड़ेगा।

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