लखनऊ में कोरोना का क़हर जारी, सीएमओ और एसीएमओ कोरोना पॉसिटिव
लखनऊ, संवाददाता । उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना वायरस पर अंकुश लगाया जाना अब लगभग नामुमकिन सा प्रतीत होता जा रहा है। कोरोना वायरस से बचने के लाख उपाय करने के बावजूद लोग कोरोना की चपेट में आते जा रहे हैं ।उत्तर प्रदेश में मंगलवार को 5124 कोरोना मरीज सामने आए हैं । इसके साथ ही कुल मरीजों की संख्या 197388 पहुंच गई है । कोरोना की चपेट में आज जहाँ लखनऊ के सीएमओ आरपी सिंह भी आ गए हैं।वहीँ लखनऊ में आज कुल 500 लोगों को कोरोना ने अपनी ज़द पर ले लिया है | सीएमओ आरपी सिंह के कोरोना की चपेट में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में एक दहशत का माहौल पैदा हो गया है। यही नहीं सीएमओ के अलावा एक्टिंग चीफ मेडिकल ऑफिसर अजय राजा भी करोना संक्रमित पाए गए हैं । मंगलवार को करोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लखनऊ के चीफ मेडिकल ऑफिसर आरपी सिंह होम आइसोलेशन में चले गए हैं। इसके साथ ही अजय राजा भी होम आइसोलेशन में हैं। दोनों का इलाज चल रहा है दोनों ही स्वास्थ्य अधिकारियों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं । लेकिन दोनों की पाज़ीटिव रिपोर्ट आई है। लखनऊ प्रशासन सीएमओ ऑफिस को सैनिटाइज कर रहा है। । सीएमओ दफ्तर के सभी सदस्यों की पूर्ण जांच की जा रही है । स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के महानिदेशक, परिवार कल्याण महानिदेशक समेत कई आला अधिकारी कोरोना की जद में आ चुके हैं ।ऐसे में अब राजधानी में लोगों के इलाज में लगे वॉरियर्स भी दहशत में दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश भर में सबसे ज्यादा चिंताजनक हालात लखनऊ के बने हुए हैं, जहां 23000 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं ।मरने वालों की तादाद 291 तक पहुंच चुकी है । उत्तर प्रदेश के स्वास्थ विभाग प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव केसों की कुल तादाद 49575 है । वहीं पूरी तरह ठीक हो चुके लोगों की संख्या 144754 तक हो गई है। इस तरह रिकवरी का परसेंटेज 73.33 हो गया है। कोरोना से अभी तक कुल 3059 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सोमवार को प्रदेश में 121253 सैम्पल्स की जाँच हुई थी । अब तक प्रदेश कुल 4796488 सैम्पल्स की जाँच की जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश कोरोना जांच के मामले में मानक से काफी आगे निकल चुका है । अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन ने आज बताया कि प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से 32000 सैंपल की जांच होनी चाहिए ,जबकि यहां करीब 4 गुना अधिक जाँचे हो रही है । डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर 14 टेस्ट प्रतिदिन किए जाने चाहिए इसके आधार में प्रदेश की जनसंख्या के अनुसार 32000 दिन बनते हैं उन्होंने बताया कि प्रदेश में मानक से 4 गुना किए जा रहे हैं।
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