लखनऊ (सवांददाता) एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार दलित कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण देने का आदेश जारी करती हैं तो वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुपचुप तरीके से सैकड़ों दलित अध्यापकों का रिवर्शन/ वेतन फ्रीज़ की कार्यवाही शुरू करवा देती हैं साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ द्वारा वित्त एवं लेखाधिकारी कल 6 अगस्त को निर्देश भी जारी कर दिये गये| इसकी सुचना मिलते ही आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के सयोंजकों के नेतृत में सैकड़ों की संख्या में राजधानी के दलित शिक्षक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर इकठ्ठा हो गए और जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया| इस दौरान बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ अपने कार्यालय से भाग गए आखिर में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत में अन्य सयोजकों ने वित्त एवं लेखाधिकारी (शिक्षा) लखनऊ से बात कर उन्हें एक ज्ञापन सौपा और उनके द्वारा ये आश्वाशन दिया गया कि आगे किसी भी प्रकार के वेतन फ्रीज़ की कार्यवाही नहीं होगी| रिवर्शन के मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ से बात कर आप लोगो को अवगत कराया जायेगा| आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के सयोंजकों अवधेश कुमार वर्मा, डॉक्टर रामशब्द जैसवारा, आर.पी केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अंजनी कुमार, रीना रजक, श्री निवास राव, अरविन्द कुमार, अमित कुमार, अर्चना ने सयुक्त रूप से कहा कि यदि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा रिवर्शन/ वेतन फ्रीज़ की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया तो लाखों की संख्या में पूरे प्रदेश के दलित शिक्षक लखनऊ में डेरा डाल देंगे| जिसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी| जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश की सरकार एक तरफ दलित कार्मिकों का पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था बहाल करने पर विचार नहीं कर रही है, वही दूसरी और राजधानी लखनऊ के दलित शिक्षकों को अपमानित कराया जा रहा है, जिसे प्रदेश के लाखों का आरक्षण समर्थक बर्दाश्त करने वाला नहीं है| इस मुद्दे पर जल्द ही प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक बुलाकर आर-पार की लड़ाई का एलान किया जायेगा|