लखनऊ (सवांददाता) रलवे टेंडर घोटाले में फंसे हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किले और बढ़ती नज़र आ रही है रेलवे टेंडर घोटाले के मामले में आज दिल्ली की एक अदालत ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी को तलब किया है। साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आईआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआई के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिए गए थे। आरोप के मुताबिक, टेंडर दिए जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को कम दामों में बेच दी थी, हालाँकि बाजार में उसकी कीमत अधिक थी।
सूत्रों के मुताबिक इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी दामों पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गई थी। बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपए में ही दे दी गई थी, लेकिन इस ज़मीन की उस समय बाजार में कीमत लगभग 94 करोड़ रुपए थी। बताते चलें कि इस मामले में सबसे पहले सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि इस जमीन पर पटना का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बनाया जा रहा है।