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राफेल से सम्बंधित दस्तवेज़ चोरी मामले में सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दाखिल किया हलफनामा

लखनऊ (संवाददाता) राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को क्लीनचिट मिल जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के उस 14 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की गई थीं,इस याचिका को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने दायर की थी सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 के फैसले में राफेल डील को तय प्रक्रिया के तहत होना बताया था। अदालत ने उस वक्त डील को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

पुनर्विचार याचिका के स्वीकार हो जाने के बाद केंद्र सरकार ने आज राफेल से जुड़े दस्तावेज लीक होने के मामले में सुुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है ।पुनर्विचार याचिका के सम्बंद में सरकार की और से दलील दी गई है कि राफेल मामले में जिन दस्तावेजों को आधार बनाकर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है वे भारतीय सुरक्षा के लिए काफी संवेदनशील हैं। इनके सार्वजनिक होने से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ी हैं।
सरकार ने बताया कि संवेदनशील दस्तावेजों के चोरी होने के मामले में 28 फरवरी को आंतरिक जांच बैठाई गई, जो अभी चल रही है। दस्तावेजों कैसे चोरी हुए, इसका पता लगाने के लिए भरसक प्रयास जारी है |

रक्षा सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि जिन लोगों ने केंद्र की इजाजत के बगैर इन संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी हासिल की है वह चोरी की श्रेणी में आते है। राफेल दस्तावेज की अनधिकृत फोटोकॉपी से देश की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी देशों से मैत्री संबंधों पर उल्टा असर दाल सकती है|

केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, प्रशांत भूषण संवेदनशील जानकारी लीक करने के दोषी हैं। याचिकाकर्ताओं ने याचिका के साथ जो दस्तावेज लगाए हैं वे काफी प्रसारित हुए हैं और अब वे देश के दुश्मन और विरोधियों के लिए भी मौजूद हैं।

पूर्व में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच के सामने जहाँ अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था एफ-16 से सुरक्षा के लिए देश को राफेल की जरूरत है।
वहीँ उन्होंने ये भी कहा था, चोरी में पूर्व या मौजूदा कर्मचारियों का हाथ हो सकता है। वो गोपनीय दस्तावेज हैं जो पब्लिक डोमेन में नहीं हो सकते। पुनर्विचार याचिकाएं इन्हीं के आधार पर दाखिल की गई हैं। हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि दस्तावेजों की फोटोकॉपी चोरी हुई है।

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