लखनऊ (सवांददाता) आज जहाँ लोकसभा में राफेल विमान सौदे में कथित खामियों का मुद्दा गरमाया वहीं राज्सभा में तीन तलाक के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ| बताते चले कि विवादों में घिरे मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को आज चर्चा के लिये राज्यसभा में नहीं रखा गया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सदन में इसकी घोषणा की। उच्च सदन में आज शुक्रवार होने की वजह से भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज शुरू हुआ। सभापति नायडू ने सदन को सूचित किया कि उनके कक्ष में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक हुई थी जिसमें यह तय हुआ था कि आज सदन में भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होगा। शाम पांच बजे के बाद सदन में दो सरकारी विधेयकों को चर्चा के वास्ते लिया जाएगा।
बताते चले कि फिलहाल राज्यसभा में बहस चल रही है जबकि लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।
हालांकि, हंगामे की बीच व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सदन दो स्तंभों यानि नियम एवं परंपरा पर टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन की परंपरा रही है कि शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद केवल गैर सरकारी कामकाज होता है। ऐसे में दो विधेयकों को लिया जाना कहां तक उचित है।
नायडू ने उनकी आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि उनके कक्ष में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच जो सहमति बनी थी उसी के आधार पर उन्होंने दो सरकारी विधेयकों पर चर्चा कराए जाने की घोषणा की है। इस पर डेरेक अपने दल के अन्य सदस्यों के साथ सदन से बाहर चले गए।
उच्च सदन में इसके बाद सपा के विशंभर प्रसाद निषाद के गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा शुरू हुई। विशंभर ने अपने संकल्प को जब चर्चा के लिए पेश किया तब नायडू ने कहा कि वह एक बार फिर स्पष्टीकरण देना चाहते हैं।
नायडू ने कहा कि आज दो विधयक के अलावा तीन तलाक संबंधी विधेयक पर सदन में चर्चा नहीं होगी।
बताते चलें कि आज उच्च सदन की कार्यावलि में विचार एवं पारित किए जाने वाले सरकारी विधेयकों में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक भी सूचीबद्ध था।
इस विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिल गई है। किंतु हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक में तीन संशोधन करने को मंजूरी दी है। यदि उच्च सदन में इस विधेयक को सरकार के इन तीन संशोधनों के साथ पारित किया जाता है तो उसे फिर से लोकसभा की मंजूरी दिलवाने की आवश्यकता पड़ेगी।
मानसून सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर केंद्र सरकार से जवाब देने की मांग करते हुए संसद के बाहर और भीतर जमकर हंगामा किया।
संसद परिसर में पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में ये प्रदर्शन किया गया। एक ओर लोकसभा में जहां राफेल मुद्दा गरमाया रहा वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में भी राफेल और तीन तलाक पर हंगामा जारी रहा। जिसे देखते हुए राज्य सभा की कार्यवाही पहले ढाई बजे तक स्थगित कर दी गई। उसके बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को आज चर्चा के लिये नहीं रखा गया।
इससे पहले संसद परिसर में विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की। कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा में इस विषय को उठाते हुए पीठासीन के आसन के समीप आकर नारेबाजी की । इस मुद्दे पर शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया। इससे पहले आज सुबह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी राज बब्बर एवं कई अन्य सांसदों के अलावा भाकपा के डी राजा, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता शामिल हुए। कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने राफेल सौदा घोटाले को लेकर कहा कि उसकी जेपीसी द्वारा जांच करवाई जाए|
तीन तलाक़ जिन का मामला अभी तक किसी सूरत से निपटता हुआ नहीं दिखाई दे रहा हैं| बताते चलें कि आज नए बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार भी दिया गया है।
साथ ही विधेयक में एक और संशोधन किया गया है जिसमें पीड़ित के रिश्तेदार जिससे उसका खून का रिश्ता हो वो भी शिकायत दर्ज कर सकता है। तीन तलाक मामले पर पिछले राज्यसभा सत्र में इस विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खासी गर्मागर्मी हुई थी |