मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की भूमि को ज़ब्त किये जाने का मामला पंहुचा हाई कोर्ट
लखनऊ ,संवाददाता | समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री आज़म खान की रामपुर में स्थापित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी वैसे तो 400 एकड़ से अधिक भूमि में फैली हुई है लेकिन भू-राजस्व अधिनियम के अंतर्गत साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि नहीं रखी जा सकती | ऐसे में जोहर ट्रस्ट द्वारा यूनिवर्सिटी के लिए साढ़े बारह एकड़ से अधिक ज़मीन उत्तर प्रदेश शासन से विशेष अनुमति द्वारा प्राप्त की गई | जिस पर चैरिटेबल के कार्य करने के लिए शासन द्वारा प्रदान की गई थी | लेकिन जब रामपुर जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच की तो पाया कि उस जमीन पर जौहर यूनिवर्सिटी में चैरिटी का कोई कार्य नहीं किया जा रहा, इसलिए इस रिपोर्ट को आधार मानते हुए एडीएम प्रशासन रामपुर के न्यायालय में एक बाद चलाया गया, जिसमें जौहर यूनिवर्सिटी की साढ़े बारह एकड़ से अधिक भूमि को सरकार द्वारा अधीन करने की कार्रवाई की जा रही है,लेकिन अब मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है | हालाँकि एडीएम प्रशासन, रामपुर के न्यायालय में हाईकोर्ट की दुहाई देते हुए जौहर ट्रस्ट के वकील ने कार्रवाई स्थगित करने की मांग करते हुए एक माह का समय मांगा है | एडीएम द्वारा सुनवाई के लिए अब अगली तारीख 23 नवंबर तय की गई है |
इस मामले में सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि साढ़े बारह एकड़ से ज्यादा ज़मीन के मामले में एडीएम प्रशासन जेपी गुप्ता की कोर्ट में बहस होनी थी | पूर्व की तिथि में जो ट्रस्ट है, उसकी तरफ से दो प्रार्थना पत्र दिए गए थे ,जिनमें एक प्रार्थना पत्र इस बाबत था कि आजम खान और तंजीम फातिमा सीतापुर जेल में बंद हैं इसलिए , अधिवक्ता कमिश्नर के जरिए उनका बयान दर्ज कर लें ,जो साक्ष्य के रूप में पढ़ा जा सके | दूसरा, एक रिपोर्ट एसडीएम टांडा की थी जो उन्होंने डीएम रामपुर को भेजी थी और उसके जरिए जो शासन को भेजी गई थी, उस रिपोर्ट को तलब करने का प्रार्थना पत्र दिया था | वो दोनों प्रार्थना पत्रों को ना सुनके पत्रावली बहस में लगा दी गई थी और जो 9 नबम्बर का आदेश हुआ था |
23 नवंबर को होगी एडीएम कोर्ट में अगली सुनवाई
उनका कहना है कि एडीएम कोर्ट का जो आदेश है, उसके विरुद्ध ट्रस्ट माननीय उच्च न्यायालय चला गया है | उन्होंने वहां जाकर के एक रिट याचिका दाखिल की है इसलिए हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, तब तक के लिए कार्रवाई में स्थगन दे दिया जाए और एक महीने का समय दिया जाए | एडीएम कोर्ट ने अब 23 नवम्बर की तारीख सुनवाई के लिए लगा दी है |
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