HomeCrimeमुख्यमंत्री से मिलने के लिए क्या पीड़ितों को करना पड़ेगा आत्मदाह ?

मुख्यमंत्री से मिलने के लिए क्या पीड़ितों को करना पड़ेगा आत्मदाह ?

योगी जी ख़ाकी को सुधारने के लिए निकालिये कोई उपाय

लखनऊ (सवांददाता) उत्तर प्रदेश सरकार में क़ानून व्यवस्था का नामों-निशान मिटता जा रहा हैं , ये अलग बात हैं कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपराध को रोकने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं , यही नहीं दोषियों के प्रति वो खासे गम्भीर भी नज़र आ रहे हैं | चाहे अपराधी कोई भाजपाई हो लेकिन जो मामला उनके संज्ञान में आता हैं उसके लिए वो गम्भीर हो जाते हैं | लेकिन पुलिस द्धारा न्याय न मिलने पर पीड़ित एसपी,एसएसपी या फिर डीजीपी तक ही अपनी फरियाद लेकर जा सकता हैं | इन अधिकारियों द्धारा अधिकतर मामलों पर उसी क्षेत्र के किसी अधिकारी को जांच सौप दी जाती हैं , नतीजा वही आता हैं जो पुलिस पहले से ही तय कर चुकी होती हैं | इस समय हाई प्रोफाइल और रिश्वत के आगे पुलिस किसी भी पीड़ित व्यक्ति की सुनने को तैयार ही नहीं हैं | ज़ाहिर हैं कि पुलिस द्धारा जनता को न्याय न मिलने के बाद जनता क्या करे | आज राजधानी के पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने रायबरेली से आई एक महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया। दो बेटियों को साथ लिए महिला ने खुद पर मिट्टी का तेल डाल लिया। सीएम आवास के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर पहुंच कर महिला की जान बचाई। इसके बाद पुलिस उसे अपने साथ लेकर चली गई।

पीडि़त युवती के मुताबिक, रायबरेली जिले में एक राजनीतिक पार्टी के नेता आरबी सिंह और ब्लॉक प्रमुख के द्धारा उसके परिवार के कई लोगों की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि उसकी छोटी बेटी के साथ आरोपितों ने गैंगरेप की घटना को भी अंजाम दिया है। रायबरेली पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पीडि़ता ने बताया कि आरोपितों से उसे अपनी जान का खतरा है। इसलिए मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग करने आई थी। सीएम से मिलने के लिए कई दिनों से उनके आवास के चक्कर काट रही थी। न्याय न मिलने से निराश महिला ने आज आत्मदाह करने का प्रयास किया |

इस मामले पर हजरतगंज इंस्पेक्टर अभय कुमार मिश्रा का कहना है कि रायबरेली पुलिस से इस मामले में जानकारी जुटाई जा रही है। अब ज़ाहिर हैं कि ये पीड़िता तमाम न्याय के बंद दरवाज़ों के बाद मुख्यमंत्री के अलावा किस्से मिलकर अपने साथ हुई नाइंसाफी के दरवाज़े खुलवाती | पुलिस प्रशासन की कारगुज़ारी तो अब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने खुलकर आ चुकी हैं | सोचने की बात ये हैं कि आखिर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए क्या सभी पीड़ितों को आत्मदाह करना पड़ेगा ?

 

 

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