लखनऊ (सवांददाता)। बहुजन समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप लगते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता, कांग्रेस और बसपा का गठबंधन नहीं चाहते। मायावती ने ये आरोप लगाकर तय कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा बड़ी पार्टी बनकर फिर से उभरेगी और फिर से केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी | ज़ाहिर है कि अगर गठबंधन से बसपा अलग होती है तो वोटों का ध्रुवीकरण होगा जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा | इससे पहले भी मायावती ने अपने बयान में ये कहकर , सम्मानजनक सीटे मिलने पर ही गठबंधन हो सकेगा , गठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था |
मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों से डरते हैं। दिग्विजय तो वैसे भी बीजेपी के एजेंट हैं। वो कहते हैं कि मैं केंद्र सरकार के दबाव में हूं। ये आधारहीन आरोप हैं। मुझे लगता है कि सोनिया और राहुल गांधी कांग्रेस-बसपा गठबंधन को लेकर ईमानदार हैं। लेकिन, कांग्रेस के कुछ नेता उनके प्रयासों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बसपा राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।
मायावती ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस घमंडी हो रहे हैं और उन्हें गलत धारणा है कि वे अकेले ही भाजपा को पराजित कर सकते हैं, लेकिन जमीन की वास्तविकता यह है कि लोगों ने कांग्रेस की पार्टी को उनकी गलतियों और भ्रष्टाचार के लिए माफ नहीं किया है। वे खुद को सुधारने के लिए तैयार नहीं हैं।
बताते चलें कि दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान में कहा था कि बसपा मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस से इसलिए गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि मायावती सीबीआई से डरती है। जिसका जवाब आज मायावती ने दिया है।