सरकारी इमारतों में नहीं हो सकेंगे आरएसएस के समारोह
लखनऊ (सवांददाता) मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार नें हर महीने की एक तारीख को मंत्रालय में गाए जाने वाले वंदे मातरम को बंद करने का एलान करके एक बड़ा फैसला लिया है। हालाँकि उनके इस फैसले के बाद सियासी गलियारे में सरगर्मियां तेज़ हो जाएँगी | वन्दे मातरम को शायद भाजपा नें हिन्दू धर्म से जोड़ लिया है और इसलिए कमलनाथ का विरोध होना तय है | उनके इस फैसले के अलावा भी संघ पर जो हमला किया गया है उसका परिणाम भी अच्छा आने वाला नहीं है |
बताते चलें कि इससे पहले कमलनाथ नें अपने घोषणा पत्र में सरकारी कर्मचारियों के संघ की शाखाओं में जाने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। कांग्रेस के मुताबिक सरकारी इमारतों के परिसरों में संघ की शाखाओं का आयोजन नहीं किया जा सकता।वैसे तो सरकारी इमारतों में संघ की शाखाओं के आयोजन पर रोक लगाना किसी भी तरह से अनुचित नहीं है, क्योकि सरकारी इमारते और उनके परिसर सरकारी कामकाज के लिए ही होते हैं | वन्दे मातरम की शुरुआत सूबे की शिवराज सरकार ने की थी | इसके तहत मंत्रालय के सभी कर्मचारी महीने की पहली तारीख को परिसर में इकट्ठा होकर एकसाथ राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ गान करते थे।
इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कुछ दिनों पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि यह किसी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं हो सकता है। लेकिन कांग्रेस ने गीत पर प्रतिबंध लगाकर इसको धर्म से जोड़ दिया हैं।