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भारत पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए हवलदार की 82 वर्षीय पत्नी ने दिए पीएम केयर फण्ड में 2 लाख रूपए

ज़की भारतीय

लॉकडाउन से मध्यम वर्ग भुखमरी की कगार पर

लखनऊ ,संवाददाता | कोरोना की दहशत से देश में जारी लॉकडाउन के बाद जहाँ सरकार आर्थिक मामलों में बैकफुट पर आ चुकी है वहीँ देश की जनता भुखमरी से जंग लड़ रही है | ख़ास बात ये है कि इस संकट की घडी में मध्यम वर्ग के लोग बहुत परेशान हैं ,कारण ये है की ये लोग हाथ भी नहीं फैला सकते और इस समय भीख मांगने की कगार तक आ चुके हैं |जबकि निर्धन लोगों के लिए वो कठनाइयां नहीं उत्पन्न हुई हैं जिससे वो भूख से जंग हार जाएं ,मध्यम वर्ग से तात्पर्य है कि वो लोग जो आरी-ज़रदोज़ी के कारीगर हैं ,सैलून दुकानदार हैं, हैंड एम्ब्रोडरी कारीगर हैं ,निजी स्कूलों के अध्यापक या अध्यापिका हैं,फर्नीचर दुकानदार हैं,कबाड़ी हैं,कपडा व्यवसाई ,इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकाने है ,टेंट कारोबारी हैं , इत्र विक्रेता हैं ,चप्पल विक्रेता हैं,  जिन समाचार पत्रों को विज्ञापन नहीं मिल रहे हैं | इस तरह के ढेरों ध्यम वर्ग के लोग जहाँ कंगाली से लड़ रहे हैं वहीँ कोरोना का खौफ भी उन्हें सता रहा है | सवाल ये है की इन जैसे लोगों की मुश्किलों को कौन हल करेगा ?
इन मध्यम वर्ग के लोगों के पास जो जमा पूंजी थी वो लॉकडाउन के दौरान खर्च हो चुकी है ,ऐसे में अगर इनके रोज़गार नहीं खुले तो इनका अंजाम क्या होगा ? जहाँ तक सूत्र बताते हैं कि कोरोना वायरस कहीं जाने वाला नहीं है ,हमें इसके साथ ही जीवन बिताना पड़ेगा | सरकार अभी  तक ये लॉकडाउन इसलिए जारी किये हुए है कि जब तक इस कोरोना वायरस मिटाने की दवा नहीं आ जाती, जिसके बाद हम लोग एंटी वायरस डोज़ लेकर कोरोना के साथ हँसते मुस्कुराते हुए ज़िंदा रह सकेंगे | हालाँकि भारत के पूंजी पति लोग अपने भारतीय भाइयों की सहायता के लिए हाथ बढ़ा चुके हैं | कोई राशन वितरित कर रहा है ,कोई भोजन बाँट रहा है तो नगर निगम भी खाना वितरित कर रहा है ,लेकिन जिन स्थानों पर सभासद के बिना कोई भोजन मंगवा कर निर्धन लोगों के घरों में खाना भिजवाता है उसे सभासद अपनी गन्दी राजनीति के चलते मना भी करवा रहे हैं, इस प्रकार कुछ क्षेत्रों के लोग नगर निगम द्वारा दिए जा रहे खाने का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं | यही नहीं देश के नागरिकों की चिंता करने वाले फिल्म स्टार,उधोगपति सहित अन्य पूंजी पति भी पीएम और सीएम केयर फंड में हाथ खोलकर दान कर रहे हैं।लेकिन कितना दान आ चुका है ये अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है,हालाँकि कुछ राजनैतिक दल इस मुद्दे को उठा रहे हैं |

भारत पकिस्तान की जंग में शहीद हुए हवलदार की 82 वर्षीय पत्नी ने क़ाएम की मिसाल

फ़ौज के किसी अधिकारी की पत्नी ने अगर प्रधानमंत्री केयर फण्ड में 2 लाख रूपए दान किये होते तो शायद बहुत बड़ी बात न होती लेकिन एक शहीद हवलदार की 82 वर्षीय पत्नी ने इतना बड़ा दान करके सबकी आँखें खोल दीं | 82 साल की दर्शनी देवी के पति हवलदार के एस. रैधाण 1965 की भारत-पाकिस्तान जंग में शहीद हुए थे।देश के थोड़े भी धनवान कंजूस व्यक्ति को उन्होंने ऐसी शिक्षा दी है कि अब अगर उसमे मानवता है तो वो भी इस शहीद हवलदार की दयावान पत्नी के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करेगें |बहरहाल मैं ऐसी दयावान ,देश प्रेमी ,उदार हृदय वाली अपनी माता सामान माता की लम्बी उम्र की कामना करता हूँ | मुझे आशा है की शीघ्र ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत भी इनके पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करेंगे |

शहीद की पत्नी के इस कदम पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत का बयान

उन्होंने कहा कि ये एक अपने आप में अनूठी मिसाल है ,उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए एक बेहतर उदाहरण है। हम उन पर गर्व करते हैं। सभी को इन कठिन हालात में सुविधा के हिसाब से दान करना चाहिए। अगर नहीं कर सकते तो कम से कम अपने हिस्से का टैक्स ईमानदारी से अदा करें। जनरल रावत ने आगे कहा, हमने लंबे समय तक आर्मी में काम किया है। जो टैक्स दे सकते हैं ,उन्हें जरूर देना चाहिए। इसी से हम जरूरतमंदों को पेंशन व अन्य सुविधाएं मुहैया करा सकते हैं।”

दर्शन देवी ने कहा कि पति ने देश के लिए जान दी, मैं इतना तो कर ही सकती हूं

चेक देने के बाद दर्शनी देवी ने कहा, “मेरे पति ने देश के लिए जान दी। अब फिर देश पर मुसीबत आई है। मेरे पति तो अब नहीं हैं। लेकिन, कम से कम मैं कुछ दान देकर देश की मदद तो कर ही सकती हूं। दर्शनी देवी ने ये पैसा अपनी बचत से दिया। वो कहती हैं, मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही हमारा देश इस मुसीबत से बाहर निकल जाएगा।” उत्तराखंड के अगस्तया टाउन में रहने वाली शहीद की पत्नी ने शुक्रवार को यह राशि स्थानीय प्रशासन को सौंपी।

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