बिजली की दरों में भारी इजाफे के लिए तैयारी
लखनऊ ,संवाददाता | उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में भारी इजाफे के लिए तैयारी तेज कर दी गई है| पावर कारपोरेशन नए स्लैप का ढांचा भी तैयार कर लिया है | वर्ष 2020 – 2021 में पावर कारपोरेशन उन क्षेत्रों से वसूली को बढ़ाना चाहता है जहां ज्यादा बिजली सप्लाई के बावजूद रेवेन्यू कम आता है | इसके अलावा कारपोरेशन की तरफ से शहरी बिजली उपभोक्ताओं की दरों में भी 4 से 5 फ़ीसदी की औसत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया जा सकता है |अगर कारपोरेशन के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है तो परोक्ष रूप से उपभोक्ताओं की जेब पर इसका खासा असर पड़ने वाला है | ग्रामीण उपभोक्ताओं के साथ-साथ शहरी उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है |
बताते चलें, इससे पहले सितंबर 2019 में बिजली दरों में औसतन 12 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के लिए की गई थी जो करीब 25% थी | मौजूदा समय में सभी श्रेणियों के कुल 80 लैब है इसे 40 से 50 करने पर विचार किया जा रहा है | घरेलू श्रेणी बीपीएल श्रेणी को छोड़कर इस समय दरों के चार लाभ है, जिन्हें दो करने की तैयारी है | इसी तरह कमर्शियल औद्योगिक व अन्य श्रेणियों के भी कम किए जाएंगे | जानकारों का मानना है कि कम होने से परोक्ष रूप से उपभोक्ताओं पर इसका असर पड़ सकता है | अस्पताल, नर्सिंग होम ,कोचिंग सेंटर को भी इसी श्रेणी में रखा गया है | सरकार इन्हें राहत देने की तैयारी कर रही है | धार्मिक आयोजनों के लिए अस्थाई कनेक्शन लेना भी 50 फ़ीसदी तक सस्ता हो सकता है | इनमें रामलीला ,दुर्गा पूजा, कावड यात्रा, देवी जागरण जैसे धार्मिकआयोजन शामिल है | मिली जानकारी के अनुसार पावर कारपोरेशन की तरफ से तैयार प्रस्ताव में घरेलू और ग्रामीण उपभोक्ताओं की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है लेकिन कमर्शियल उपभोक्ताओं की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा |
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