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बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए ?
ज़की भारतीय
लखनऊ (संवाददाता) बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए , ये बे वजह का प्रश्न उठाकर आखिर लोग साबित क्या करना चाह रहे है ,ये बात उनके भी समझ से परे है जो लोग ये प्रश्न उठा रहे हैं | ये सवाल उठाना बिलकुल निराधार और भारतीय सेना पर व्यंग है | ज़ाहिर है जब कोई हमला किसी अन्य देश पर किया जाता है तो ये अनुमान लगाया जा सकता है कि हमले में लगभग इतने लोग मारे गए हैं ,लेकिन सही अनुमान लगाना मुश्किल होता है ,क्योंकि उनकी लाशों को गिनकर वही देश बता सकता है जिस देश के आतंकवादी मारे गए हों |सियासत सियासी पार्टियों से कि जाए तो उचित है लेकिन हमारी सेना पर ऊँगली उठाना बेहद अफ़सोसनाक बात है | यदि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय आतंकवादियों के विरुद्ध इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है तो भाजपा को अधिकार है कि वो इसका श्रय ले ,लेकिन इसका राजनीति करण भी नहीं होना चाहिए | आज अधिकतर समाचार पत्र भी उलटी सीधी हेडिंग डाल रहे हैं | “पकिस्तान ने घुटने टेके ,अभिनन्दन हुए रिहा ” हालाँकि अभिनन्दन ने जो बताया उससे ये प्रतीत होता है कि उनके साथ पकिस्तान में अच्छा सलूक किया गया | आज जो पाकिस्तान ने आतंकियों को गिरफ्तार किया और उनकी सम्पत्तियों को क़ब्ज़े में लिया वो भी एक सराहनीय क़दम है | जहाँ तक मुझे याद है ,जब पकिस्तान में इमरान सर्कार बानी तब दो बातें ख़ास हुईं | पहली, जब इमरान खान ने कहा था कि,भारत अगर मेरी तरफ एक क़दम बढ़ेगा ,तो वो सात क़दम भारत की तरफ बढ़ाएगा |दूसरी ख़ास बात ये थी ,जब पकिस्तान में आतंकवादी संघटनों ने चुनाव में उतरने के लिए क़दम बढ़ाए तो वहां की अवाम ने उनकी ज़मानत तक ज़ब्त करवा दी | पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान आज भारत से पहली बार बात करने को नहीं कह रहे हैं | वो पहले ही बात करने को कह चुके हैं |पकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा अंजाम घटनाओं में 70000 हज़ार से अधिक बेकसूर लोगों की जानें जा चुकी हैं | आतंकवाद के सफाए के लिए भारत को पकिस्तान से वार्ता करनी चाहिए और यू एन ओ में ये बात रखना चाहिए | इराक़ में फैले आतंकवाद को अमेरिका ने कई देशों की मदद से ख़त्म किया और अभी भी प्रयास जारी है | यही नहीं अफ़ग़ानिस्तान भी इसकी जीती जागती मिसाल है | भारत को अगर पकिस्तान की ज़मीं पर घुसकर आतंकवाद मिटाना है तो उसके लिए रास्ते खुले हैं | वरना फालतू की जंग के बाद भी आखिर में समझौता ही एक मात्र विकल्प रह जाता है | आज कई दिनों से निरंतर ये बात सामने आ रही है कि हमला जंगल में हुआ और कुछ वृक्ष ही जले ? अगर मान भी लिया जाए ,हमला जंगल में हुआ और कुछ वृक्ष जले तो फिर पकिस्तान ने भारत पर हमला क्यों किया ? आज हाल ये है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को ये कहना पड़ा कि आज नहीं तो कल, पता ही चल जाएगा कि बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए।ये बात उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कही |
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