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बाबा रामदेव द्वारा कोरोना के लिए बनाई गई दवा से कमाई के स्वप्ने पर लगा ग्रहण
लखनऊ,संवाददाता |योग गुरु बाबा रामदेव ने संसार में तेज़ी से फैल रहे कोरोना वायरस के मद्दे नज़र जो दवा बनाई है ,उसके लिए उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने द्वारा बनाई गई दवा कि जमकर प्रशंसा की | उन्होंने इस दवा का नाम कोरोनिल रखा गया है | बाबा रामदेव का दावा है कि यह दवा 100 प्रतिशत रिकवरी देती है | इससे 3 दिन में 65 फीसदी मरीजों को ठीक किया गया है और 7 दिन में ये दवा 100 फीसदी परिणाम देगी | इस दवा को लेकर बाबा रामदेव ने जितनी जल्दी दिखाकर ये सोचा था कि आज उन्होंने प्रेस वार्ता की है और कल से उनकी दवा मार्किट में होगी ,लेकिन उनके अरमानों पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोई अहमियत ना दिखते हुए उनकी कमाई के ख्वाब को चकनाचूर कर डाला | बताते चलें कि भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला आयुष मंत्रालय बाबा रामदेव के इस दावे से बिल्कुल राज़ी नज़र नहीं आता है | जबकि ये सबको ज्ञात है , देश का आयुष मंत्रालय ही आयुर्वेद से जुड़ी तमाम जिम्मेदारी लेता है | लेकिन बाबा रामदेव की कोरोना दवा को लेकर आयुष मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है बल्कि वो अपना दामन बचाते हुए नज़र आ रहा है |
बाबा रामदेव की कोरोना दवा को लेकर जब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और आयुष मंत्रालय से पूछा गया तो दोनों ने ही इसे टाल दिया | एक खबर के अनुसार आयुष मंत्रालय ने इस बारे में कोई बयान देने से मना कर दिया और कहा कि इस बारे में आईसीएमआर के अधिकारी ही सही जानकारी दे पाएंगे | जबकि आईसीएमआर के अधिकारियों का कहना है कि आयुर्वेदिक दवा से संबंधित सभी जिम्मेदारी आयुष मंत्रालय की हैं तो हम इसका जवाब क्यों दें? ज़ाहिर है दोनों रामदेव द्वारा बनाई गई कोरोना वायरस की दवा पर कोई जवाब नहीं देना चाह रहे हैं ,ऐसे में लगता है कि बाबा रामदेव द्वारा बनाई गई कोरोना की दवा फिलहाल उन्हें कोई मुनाफा देने वाली नहीं | इस बात से यह साफ हो जाता है कि दोनों संस्थान ही कोरोनिल को लेकर शंका में हैं और बाबा रामदेव के दावे से पल्ला झाड रहे हैं और अगर ऐसा नहीं है तो आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर को कोरोना दवा के दावे पर बयान देना चाहिए।
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