HomeBIHARबाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ी ,दवा को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन
बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ी ,दवा को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन
लखनऊ,संवाददाता | पतंजलि संस्था द्वारा कोरोना वायरस ( कोविड – 19 ) से नजात दिलाने के लिए बनाई गई दवा के मामले ने और तूल पकड़ लिया है | जहाँ आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी है वहीँ सूत्र बताते हैं ,आयुष मंत्रालय ने इस मामले में फिर से करवट बदलते हुए नया बयान दिया है | सूत्रों के मुताबिक़ ,आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा है कि ये अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है लेकिन नियम के हिसाब से पहले आयुष मंत्रालय में जांच के लिए भेजी जानी चाहिए थी | उधर मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में समाजसेवी और भिखनपुरा निवासी तमन्ना हाशमी ने एक परिवाद पत्र दायर कर पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव तथा पतंजलि संस्था के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण पर आरोप लगाया है कि इन दोनों ने कोरोना वायरस दवा बनाने का दावा कर देश को धोखा दिया है | परिवाद पत्र में कहा गया है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दवा ‘कोरोनिल टैबलेट’ का ईजाद करने का दावा किया है, आयुष मंत्रालय ने इस पर प्रश्न उठाते हुए इस दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी है | परिवाद पत्र में कहा गया है कि ऐसा करना ना केवल साजिश के तहत आयुष मंत्रालय को धोखा देना है, बल्कि देश को भी धोखा देना है | इससे लाखों लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है | परिवादपत्र में बाबा रामेदव और बालकृष्ण को आईपीसी की धारा 420, 120बी, 270,504/34 के तहत आरोपी बनाया गया है |
सूत्र बताते हैं कि तमन्ना हाशमी ने कहा है कि अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की है | बहरहाल एक बात तो तय है कि इस दवा को बनने के बाद इसका परीक्षण भी किया गया ,और ये बात खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने कही |अब सोचने की बात ये है कि क्या बिना लाइसेंस के कोई दवा निर्मित करके किसी पर आज़माई जा सकती है ?
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