लखनऊ,संवाददाता। अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 14 से 22 जनवरी तक पूरे राज्य में धार्मिक समारोह आयोजित करने के सरकार के निर्णय को जनहित याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है।
ये याचिका ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नरोत्तम शुक्ल ,अधिवक्ता आशुतोष कुमार तिवारी, राकेश कुमार गुप्त, गुंजन शर्मा धर्मेंद्र, अरविंद कुमार रायसिंह आदि की ओर से दाखिल की गई है।
हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर फौरन सुनवाई किए जाने की मांग को अस्वीकार करते हुए कहा, नियमित रूप से नंबर आने पर ही इस पर सुनवाई हो सकेगी।
इस आधार पर हुई है जनहित याचिका
जनहित याचिका में कहा गया है, 21 दिसंबर 2023 को मुख्य सचिव ने शासनादेश जारी कर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि अपने जिलों में 14 से 22 जनवरी तक सभी मंदिरों में भजन, कीर्तन, रामायण, मानस पाठ, रथ यात्रा, कलश यात्रा आदि आयोजन कराएं।
राजकीय कोष से लाखों रुपए हुए हैं जारी
इन कार्यक्रमों में सभी गांव, ब्लॉक, जिला और शहरों में आंगनवाड़ी, आशा बहुएं, एएनएम आदि कर्मचारियों का सहयोग लेने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही कथा वाचकों, कीर्तन मंडलियों आदि को राजकीय कोष से 590 लाख रुपये भुगतान के लिए जारी किए गए हैं।
संविधान के अनुच्छेद 25, 26 व 27 का उल्लंघन कर रही है सरकार
याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा ऐसा करना संविधान के धर्म निरपेक्ष चरित्र और संविधान के अनुच्छेद 25, 26 व 27 का उल्लंघन है, जिसके अनुसार राज्य किसी भी धार्मिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा तथा संविधान उससे निरपेक्ष रहने की अपेक्षा करता है। संविधान के अनुसार राज्य का अपना कोई धार्मिक चरित्र नहीं होगा। मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमके गुप्ता के समक्ष याचिका पर जल्दी सुनवाई की मांग की गई, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया।