लखनऊ (सवांददाता) यमुना के घाट पर ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया और उसके बाद उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। ये अलग बात है कि जो भी मनुष्य इस संसार में आया है उसे एक न एक दिन इस संसार को त्यागना ही पड़ता है, लेकिन इस संसार मे जीवित रहने और मृत्यु के पश्चात् यदि लोग उसे याद करे और उसपर रोयें तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति ने संसार में सफल जीवन व्यतीत किया है| ठीक इसी तरह से आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को लोग जहा याद कर रहे थे वही उनपर रोने वालों की कमी नहीं थी| शायद अटल जी जैसा जीवन गुज़ारना ही संसार में रहने वालों के लिए एक प्रेरणा है| अटल जी के संसार से जाने के बाद भी लोग उनकी अच्छाइयों से सदा उनको याद रखेगे|
बताते चलें कि कल उनके निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को भाजपा के मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था| कल से आज तक सभी ने उनके पार्थिव शरीर के दर्शन किये थे| और आज उनकी अंतिम यात्रा भाजपा मुख्यालय से ही शुरू हुई जिसमें हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों अपने प्रिय नेता को अश्रूपूर्ण विदाई दी। उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर घंटों से खड़े थे। पूरे देश से हजारों की संख्या में लोग वाजपेयी के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा मुख्यालय पहुंचे। यही नहीं स्व. अटल जी के पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए लोग पेड़ों तक पर चढ़े हुए थे| इस ग़मज़दा माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, तीन सेना प्रमुखों और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, तमाम कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, विपक्षी दलों के नेताओं और तमाम विदेशी नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। पंचतत्व में विलीन हुए स्व. अटल जी को उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने दी मुखाग्नि। भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के अलावा विदेश से आये भूटान नरेश, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, बांग्लादेश और नेपाल के प्रतिनिधि ने के अतरिक्त श्रीलंका के कार्यकारी विदेश मंत्री लक्ष्मण किरील्ला ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम विदाई के समय श्रद्धांजलि दी।
सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, यह अटल जी की खासियत थी कि उन्होंने अपने राजनीतिक और वैचारिक मतभेद होने के बावजूद कभी मानवता को नुकसान नहीं पहुंचने दिया। आज देश को इसी सिद्धांत की जरुरत है।
भारत में मौजूद ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक अस्कविथ ने कहा, वह बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिनकी हम इज्जत करते हैं और यह भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं उस ऊंची शख्सियत को यहां सम्मान देने के लिए आया हूं।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, हम उन्हें बांग्लादेश लिबरेशन वॉर के दौरान दिए गए योगदान और बांग्लादेश के लोगों का साथ देने के लिए याद कर रहे हैं।
अटल बिहारी को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने कहा, मैं उनसे एक बार 2006 में मिला था। वह बहुत अच्छे वक्ता थे। भारतीय राजनीति उनकी वजह से खाली हुई जगह को कोई नहीं भर सकता है। वह हर किसी के रोल मॉडल थे और अपनी कविता, भाषण और वक्तव्य के जरिए उन्होंने बहुतों को प्रेरित किया।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार घ्यावाल, बांग्लादेश के विदेस मंत्री अबुल हसन महमूद अली और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली आए।
डीएमके नेता ए राजा, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।
बताते चलें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को उनके आवास पर ही श्रद्धांजलि अर्पित की थी। गीतकार जावेद अख्तर और उनकी पत्नी शबाना आजमी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। जावेद अख्तर ने कहा, ‘बहुत कम होता है जब एक राजनेता को पार्टी लाइन से बाहर इतना सम्मान मिलता है। अलग विचार धारा के लोग भी उनसे प्यार करते हैं क्योंकि वह सबसे प्यार करते थे।